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जोधपुर: निगम चला रहा आधा दर्जन रैन बसेरे, फिर भी लोग सड़क किनारे गुजारते हैं रात - सड़क किनारे गुजारते रात

जोधपुर शहर में सड़कों के किनारे जीवनयापन करने वाले लोगों को सर्दी के सितम से बचाने के लिए जोधपुर नगर निगम शहर में 6 रैन बसेरों का संचालन कर रहा है. इन रैन बसेरों में बाकायदा रोशनी, पानी और सोने की व्यवस्था की गई है, लेकिन लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

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रैन बसेरे के बाद भी सड़क किनारे रात गुजार रहे

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Published : Dec 26, 2019, 2:47 PM IST

जोधपुर.शहर में सड़कों के किनारे जीवनयापन करने वाले लोगों को सर्दी के सितम से बचाने के लिए जोधपुर नगर निगम के शहर में 6 रैन बसेरों का संचालन हो रहा है. इन रैन बसेरों में रोशनी, पानी, सोने के लिए रजाई और बिस्तर भी उपलब्ध करवाए गए हैं. लेकिन सड़क किनारे रहने वाले लोग इन रैन बसेरों का पूरा फायदा नहीं उठा रहे हैं.

रैन बसेरे के बाद भी सड़क किनारे रात गुजार रहे

सभी रैन बसेरे में 30 से 40 लोगों के ठहरने की सुविधा है. हालांकि यह सुविधा प्रशासन की लताड़ के बाद धीरे-धीरे सुधरी है. निगम प्रबंधन ने यहां पर कर्मचारियों की नियुक्ति भी कर दी है, जो इन रैन बसेरा को संभाल रहे हैं.

बताया जा रहा है, कि ज्यादातर रैन बसेरों में इक्का-दुक्का लोग ही रात गुजार रहे हैं. लोग जानबूझकर सड़क किनारे ही सोना पसंद करते हैं. इसकी बड़ी वजह यह है, कि सर्दी के दिनों में रात को दानदाता गर्म कपड़े बांटने के लिए निकलते हैं, जो इन सड़क के किनारे सोने वालों को मिल जाते हैं.

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जोधपुर नगर निगम क्षेत्र में सर्वाधिक सड़क किनारे लोग हाईकोर्ट रोड रेलवे स्टेशन के आस-पास देखे जा सकते हैं. इसके अलावा शहर के प्रतापनगर क्षेत्र में भी लोग नजर आते हैं. एक अनुमान के मुताबिक सड़क किनारे करीब 300 से 400 लोग प्रतिदिन रात गुजारते हैं. जिन्हें ठंड से बचाने के लिए निगम ने स्थाई रैन बसेरे बनाए हुए हैं.

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