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CRPF Jawan Suicide Case: अधिकारियों के साथ वार्ता में नहीं बनी सहमति, जवान का शव अभी भी मोर्चरी में...परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े

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Published : Jul 12, 2022, 11:14 AM IST

Updated : Jul 13, 2022, 6:22 AM IST

18 घंटे तक पत्नी और बेटी को कब्जे में रखने के बाद खुद को गोली मारने वाले सीआरपीएफ जवान का शव लेने से परिवार वालों ने इनकार कर दिया है (CRPF Jawan Suicide Case).वहीं मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे परिजनों का साथ देने के लिए हनुमान बेनीवाल ने खुद मोर्चा संभाला है. लेकिन वार्ता के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया और जवान का शव अभी भी मोर्चरी में ही रखा है.

CRPF Jawan Suicide Case
सीआरपीएफ जवान का शव लेने से किया इनकार

जोधपुर. सीआरपीएफ रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में सोमवार सुबह अपनी बंदूक से गोली मारकर जान देने वाले कॉन्स्टेबल नरेश जाट (CRPF Jawan Suicide Case) के शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. परिजनों ने अपनी मांगें पुलिस और सीआरपीएफ के सामने रख दी है. मांगों पर सहमति के बाद ही शव लेने की बात की जा रही है. जबकि रविवार शाम को शव का पोस्टमार्टम हो गया था और सीआरपीएफ को देने के लिए दस्तावेज भी तैयार हो गए थे. सीआरपीएफ शव प्राप्त कर परिजनों को सुपुर्द करने वाली थी लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया. वहीं रात तक भी अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.

इस बात को लेकर सोमवार रात 11:00 बजे तक गतिरोध चलता रहा. उसके बाद डीआईजी भूपेंद्र सिंह ने संदेश भेजकर वार्ता करने की बात कही लेकिन परिजनों ने उनसे बात करने से मना कर दिया. जिसके बाद आईजी विक्रम सहगल का भी प्रस्ताव आया लेकिन फिर परिजनों ने कह दिया कि सुबह बात करेंगे. अब इस मामले में कुछ देर बाद वार्ता शुरू हो सकती है. परिजनों ने सीआरपीएफ के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों के नाम के साथ रिपोर्ट कड़वड़ थाना पुलिस को सौंपी है. जिस पर मामला दर्ज हो गया है.

परिजनों ने शव लेने से किया इनकार

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इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के भी इस मामले को लेकर जोधपुर पहुंचने की बात सामने आ रही थी. दूसरी ओर पाली व आसपास के गांव से भी लोगों को जोधपुर पहुंचने के संदेश दिए गए हैं. सीआरपीएफ जवान नरेश जाट ने रविवार शाम को खुद को परिवार सहित अपने क्वार्टर में बंदी बना कर रखा था. कई हवाई फायर भी किए थे. इसके बाद समझाइश भी काफी देर तक चली, लेकिन अंततः सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे उसने खुद को गोली मार ली.

गार्ड ऑफ ऑनर की मांग: इस घटना के बाद उसके पिता लिखमाराम ने कहा था कि जब तक कार्रवाई नहीं हो जाती हम शव नहीं उठाएंगे. परिजनों की मांग है कि जिन अफसरों ने उसे टॉर्चर किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके अलावा उसकी पत्नी को नौकरी और बेटी की आजीवन शिक्षा की व्यवस्था हो साथ ही उसके गांव में नरेश जाट की अंत्येष्टि से पहले उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए.

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हनुमान बेनीवाल ने संभाला मोर्चा:शव उठाने के गतिरोध के बीच नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जोधपुर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है. परिजनों से मिलने के बाद बेनीवाल ने कहा कि जब तक पुख्ता कार्रवाई नहीं होगी, वे यहां से जाने वाले नहीं हैं. मीडिया से बात करते हुए बेनीवाल ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स में जवानों के शोषण होने की शिकायतें आती रहती हैं. जोधपुर सीआरपीएफ में भी पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. बेनीवाल ने कहा कि एफआईआर में जिन लोगों के नाम लिखे हैं, उनकी गिरफ्तारी के अलावा आईजी के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती ये धरना जारी रहेगा.

बेनीवाल ने संभाला मोर्चा

अधिकारियों के साथ वार्ता में नहीं निकला रास्ता:सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट के आत्महत्या के शव का पोस्टमार्टम होने के 24 घंटे बाद भी गतिरोध बना हुआ है. मंगलवार रात तक परिजनों ने शव नहीं लिया. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में परिजनों की मांगों को लेकर लंबी वार्ता हुई, लेकिन रास्ता नहीं निकला.

जिसके बाद देर रात या सुबह फिर वार्ता होगी. बेनीवाल ने बताया कि अधिकारियों से जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम सुसाइड नोट में हैं, उनको तुरंत हटाने की मांग की गई है. साथ ही जिनके नाम एफआईआर में हैं, उनकी गिरफ्तारी की मांग भी रखी गई है. इसके अलावा नरेश के परिवार की आर्थिक सुरक्षा देने को लेकर भी बात हुई.

Last Updated : Jul 13, 2022, 6:22 AM IST

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