जोधपुर.रक्षा मंत्रालय के लेखा महानियंत्रक सुनील मित्तल शनिवार को जोधपुर पहुंचे. उन्होंने जोधपुर स्थित रक्षा मंत्रालय के लेखा विभाग का दौरा किया. अनौपचारिक बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या अब भी रक्षा विभाग का बजट लैप्स होता है तो उनका कहना था कि बीते 3 सालों में ₹1 भी लैप्स नहीं हुआ है. अलबत्ता कुछ मदों में अतिरिक्त प्रावधान कर खर्च किया गया है.
जोधपुर पहुंचे रक्षा मंत्रालय के लेखा महानियंत्रक सुनील मित्तल ने कहा- खरीद प्रक्रिया सरल होने से 3 साल में रक्षा बजट का एक रुपया भी लैप्स नहीं हुआ
रक्षा मंत्रालय के लेखा महानियंत्रक सुनील मित्तल शनिवार को जोधपुर पहुंचे. उन्होंने जोधपुर स्थित रक्षा मंत्रालय के लेखा विभाग का दौरा किया. अनौपचारिक बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या अब भी रक्षा विभाग का बजट लैप्स होता है तो उनका कहना था कि बीते 3 सालों में ₹1 भी लैप्स नहीं हुआ है. अलबत्ता कुछ मदों में अतिरिक्त प्रावधान कर खर्च किया गया है.
पहले बजट लैप्स होने के कारणों पर उन्होंने कहा कि हमने अपनी खरीद प्रक्रिया की स्वीकृति और प्रोक्योरमेंट को सरल किया है. 3 सालों में पूरा बजट खर्च करने में रफाल डील के खर्च की बड़ी भूमिका के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है रफाल डील एयरफोर्स को जारी बजट से हुई है. हमारे पास अलग-अलग मद का बजट होता है और इस तरह की खरीद प्रक्रिया चलती रहती है. उन्होंने कहा कि अब हम तेजस लड़ाकू जहाज खरीद रहे हैं, जिसके लिए 48000 करोड़ रुपए खर्च होंगे. नौसेना के लिए भी हेलीकॉप्टर आएंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि सेना में बटालियन कमांडर स्तर पर भी खरीद के पावर दिए गए हैं. जिससे कार्य की गति नहीं रुके. मित्तल ने बताया कि कोरोना काल में हमारे विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने लगातार काम किया. जिसकी वजह से एक भी पूर्व सैनिक की पेंशन नहीं अटकी और सभी का वेतन भी समय पर जारी किया गया. मित्तल ने बताया कि करीब 33 लाख लोगों को रक्षा मंत्रालय से पेंशन जाती है. जिन्हें इस पूरे समय में नियमित समय पर पेंशन दी गई.
उन्होंने यह भी बताया कि हमारे देश में कुल 1100 ऑफिस काम कर रहे हैं. मित्तल अपने दौरे के दौरान जैसलमेर में भी रक्षा लेखा विभाग के नए कार्यालय का उद्घाटन करेंगे.