जोधपुर.उर्मिला अब भी खुद को उस बीते हुए कल में ही पा रही हैं. एक एक पल उनकी आंखों के सामने तैर रहा है जब उन्होंने पति को खुद से लड़ते, जूझते और फिर जीवन से हारते हुए देखा. सीआरपीएफ के मृत जवान नरेश जाट की पत्नी ने सब सहा. घंटों पति को समझाती रही. वो अब बता रही हैं कि अनुशासन के प्रति समर्पित नरेश को आशंका थी कि अब उसने पैर पीछे खींचे तो अफसर नहीं छोड़ेंगे इसलिए उसने खुद को गोली मार ली (CRPF Jawan Suicide case). मरने से पहले बेटी, पत्नी और नरेश घंटों रोते रहे.
कांपते हाथों से बनाया था वीडियो:उर्मिला ने बताया- उस दिन जागते रहे हम तीनों. मेरी बेटी भी 2:00 बजे तक जागती रही. तीनों मिलकर रोए. बेटी ने कहा डैडी आप मुझे छोड़ कर नहीं जाएंगे. फिर सो गई. बाद उन्होंने मुझसे वीडियो बनवाया. मैंने समझाया कि ऐसा मत करो हमारा क्या होगा ? लेकिन वो नहीं माने. नरेश रात भर रायफल लेकर परेशान बेहाल घूमते रहे. मैंने कहा इस बीस किलो की बंदूक को रख दो. तो बोले कि मेरे लिए तो फूल की तरह है. मैं इसके लिए ही पैदा हुआ हूं. फिर कहा कि उर्मिला मैंने अपनी ड्यूटी हमेशा इमानदारी से की है, 5 मिनट भी देरी से नहीं पहुंचा लेकिन यह लोग मुझे झूठे मामले बनाकर फंसाने पर तुले हुए हैं मुझे मरना ही पड़ेगा (CRPF Jawan Naresh shoot himself).
सुबह पापा जी से मिलने से भी रोक दिया:उस रात खूब फोन आए. सबने मनाने की कोशिश की लेकिन वो किसी की नहीं सुन रहे थे. पापा भी रात को आ गए थे. सुबह उनको फोन किया. कहा- दूध की थैली लेकर आना, मिलकर चाय पिएंगे. पापा ने कोशिश की लेकिन हमारे क्वार्टर पर किसी ने ताला लगा दिया था. जबकि पापाजी ने अफसरों से कहा कि आप जहां कहो हस्ताक्षर कर देता हुं, मुझे उसके पास जाने दो लेकिन उनको आने नहीं दिया गया. इस सबको देख वो हताश हो गए. करीब 11 बजे कहा की अब मैं नही रहूंगा. मैंने और बेटी ने कहा ऐसा मत करो. नहीं माने और कमरे में जाकर गोली मार ली. आवाज सुन पड़ोस से फोन आया तो उनके कहने पर मैंने रायफल नीचे फेंकी. जिसके बाद अफसर आ गए.
ड्यूटी न मिलने से थे परेशान : उर्मिला ने बताया कि- सूरतगढ़ में जो विवाद हुआ था उससे वो बहुत परेशान थे.उन्हें सूरतगढ़ से वापस जोधपुर भेज दिया. 2 दिन बाद फिर सूरतगढ़ भेजा गया. वहां से उसे वापस रिलीव कर दिया. यहां आने के बाद जोधपुर पहुंचते ही फिर रवाना कर दिया गया. बीच रास्ते में डीआईजी ने फोन कर कहा- जहां है, वहीं से उतर जा तुझे आगे एंट्री नहीं मिलेगी. तू अपने आप को गुंडा समझता है क्या ? जोधपुर आकर मेरे से मिल. जब नरेश वापस आया तो बहुत परेशान था यहां उसे ड्यूटी नहीं दी गई.