जयपुर. राजधानी के वैशाली नगर थाना इलाके में गुरुवार को बुनकर कॉलोनी में अपनी पत्नी और दो मासूमों की हत्या कर आत्महत्या करने वाले गिर्राज राणा के मंसूबों को पड़ोसी भी नहीं भाप सका. जिस कमरे में गिर्राज राणा अपने परिवार के साथ किराये पर रहता था. ठीक उसके पास वाले कमरे में ललिता और मोहन भी पिछले 3 महीने से किराये पर रह रहे हैं. गुरुवार सुबह करीब 10 बजे गिर्राज राणा को कई लोगों ने घर के बाहर टहलता हुआ देखा था. एक व्यक्ति इस दौरान गिर्राज से मिलने उसके कमरे पर भी आया. जो व्यक्ति गिर्राज राणा से मिलने आया था, वह कौन था, इसके बारे में फिलहाल किसी को भी कोई जानकारी नहीं है. व्यक्ति के जाने के बाद ही गिर्राज राणा ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और टीवी को तेज आवाज में चालू करने के बाद चाकू से अपनी पत्नी और मासूम बेटी व बेटे की गला रेत कर हत्या कर दी.
गिर्राज राणा पिछले 2 वर्षों से बुनकर कॉलोनी में रूप नारायण कुमावत के मकान में किराए से रह रहा था और सब्जी बेचने का काम किया करता था. पत्नी और दो मासूमों की हत्या करने के बाद गिर्राज ने कमरे की छत पर लगे हुए पंखे को नीचे उतारा और फिर जिस हुक पर पंखा लगा हुआ था, उसी हुक पर कपड़े का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
दोपहर 12:30 बजे के करीब मकान मालिक रूप नारायण कुमावत की पत्नी सुनीता बाड़े में बांधी गई गाय और भैंसों को चारा देने के लिए आई. गिर्राज के कमरे का दरवाजा बंद देखकर उन्हें शक हुआ. कमरे के अंदर से केवल टीवी चलने की आवाज आ रही थी और जब उन्होंने बाहर से गिर्राज और उसकी पत्नी को आवाज दी तो अंदर से कोई भी जवाब नहीं आया. पास वाले कमरे में किराए से रहने वाले मोहन ने भी गिर्राज के कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई भी जवाब नहीं मिला. जिस पर पास में रहने वाले अजय नामक युवक ने लात मारकर गिर्राज के कमरे का दरवाजा तोड़ा तो कमरे के अंदर का दृश्य देखकर हर कोई सन्न रह गया. कमरे के फर्श पर दो मासूम और उनकी मां का खून से लथपथ शव पड़ा था और वहीं गिर्राज का शव फंदे पर झूल रहा था.
कर्ज लेकर खरीदी थी गाड़ी