राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

चीफ इंजीनियर पद की पदोन्नति में अपात्र अधिकारी शामिल क्यों ? - Promotion to post of Chief Engineer

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने जलदाय विभाग में चीफ इंजीनियर पद की पदोन्नति में अपात्र अधिकारियों को शामिल करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Promotion to post of Chief Engineer,  Rajasthan Civil Services Appellate Tribunal
राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण

By

Published : Jul 12, 2021, 7:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने जलदाय विभाग में चीफ इंजीनियर पद की पदोन्नति में अपात्र अधिकारियों को शामिल करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अधिकरण ने कहा है कि डीपीसी करने से पहले वर्ष 1968 के नियमों के आधार पर अपीलार्थियों की ओर से पेश किए गए अभ्यावेदन को तय किया जाए.

पढ़ें- अदालती आदेश के बावजूद पद से हटाया, राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए यह आदेश

यदि डीपीसी आयोजित कर ली जाए तो उसके आधार पर कोई आदेश पारित नहीं किया जाए. इसके अलावा अधिकरण ने डीपीसी को अपील के निर्णयाधीन रखा है. अधिकरण ने यह आदेश अमिताभ शर्मा और अन्य की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अधिकरण को बताया कि विभाग के वर्ष 1968 के नियमों के तहत सिविल इंजीनियरिंग विंग का सर्वोच्च पद चीफ इंजीनियर का होता है, जबकि मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विंग का सबसे बड़ा पद अतिरिक्त चीफ इंजीनियर ही होता है. नियमानुसार इन सभी पदों को पदोन्नति के जरिए अपने संवर्ग से ही भरा जा सकता है.

अपील में कहा गया कि चीफ इंजीनियर की वर्ष 2021-22 की पदोन्नति के लिए डीपीसी की जा रही है, जिसमें इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल संवर्ग के अधिकारियों को भी शामिल किया जा रहा है. जबकि नियमानुसार इसमें केवल सिविल संवर्ग के अधिकारी ही भाग ले सकते हैं. विभाग ने गत वर्ष भी नियमों की अनदेखी कर इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल संवर्ग के अधिकारियों को शामिल किया था.

पढ़ें- हाईकोर्ट में सवाल : सामान्य वर्ग से अधिक अंक होने के बावजूद चयन से वंचित क्यों ?

अपीलार्थियों ने गत 6 जुलाई को इस संबंध में विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर नियमानुसार ही पदोन्नति देने के गुहार की थी, लेकिन अभ्यावेदन को अब तक तय नहीं किया गया है. वहीं, नियमों के विपरीत जाकर अपात्र अधिकारियों को शामिल करते हुए डीपीसी की जा रही है, जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने विभाग को दिशा-निर्देश जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details