जयपुर: भारतीय जनसंघ (Bhartiya Jansangh) के संस्थापक (Founder) महामंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद (Deen Dayal Jayanti) भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस की नीति, नीयत और वर्तमान स्थिति पर विचार रखे.
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कांग्रेस के सूट की चिंता!
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राहुल गांधी की रघु शर्मा और सचिन पायलट (Sachin Pilot) से मुलाकात पर सवाल किया गया तो पूनिया ने कटाक्ष (Satish Poonia Jibe On Congress) किया. कहा - मुझे नहीं लगता जो सूट कांग्रेसियों (Congress) ने सिलाए हैं. उसका खर्च भी निकलेगा. हो सकता है कि किसी टेलर का तो उधार ही बाकी रह जाए.
यह कौन बनेगा करोड़पति के सवाल जैसा 2023 आई कांग्रेस गई
कांग्रेस पार्टी के सूट रूपी अरमानों पर तो पानी ही फिरेगा. 2023 के बाद तो कांग्रेस का खात्मा तय है. इसलिए इन सब चीजों की आवश्यकता भी नहीं रहेगी. मंत्रिमंडल का विस्तार कांग्रेस (Congress) का अंदरूनी मामला. लेकिन दुख इस बात का है कि उनकी अंदरूनी राजनीति का राजस्थान की गवर्नेंस (Governance) पर असर पड़ा है. आज प्रदेश में अराजकता का माहौल है. उसका कारण भी यही है.
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मुख्यमंत्री को सिर्फ अपनी फिक्र
पूनिया ने कहा कि आज कानून व्यवस्था की स्थिति इसलिए कमजोर है. क्योंकि कोई पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं है. सारा वजन मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर ले रखा है. वे घर से निकलते भी नहीं है. उन्हें बाकि कोई फिक्र नहीं. सिर्फ अपनी कुर्सी की फिक्र है. जो कुर्सी की फिक्र ज्यादा करता है. वह जनता का भला नहीं कर सकता है. यह कौन बनेगा करोड़पति जैसा सवाल है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कब होगा. यह सवाल अभी तक सवाल ही है.
नेहरू को किया याद!
सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कहा कि देश की राजनीति में एक समय था जब कांग्रेस और नेहरूजी की तूती बोलती थी. उस जमाने में जनसंघ जैसा संगठन खड़ा करना उपहास का कारण हो सकता था. तीन प्रतिशत वोट और तीन लोकसभा सीटों से शुरुआत हुई. लेकिन इस बात का इतिहास साक्षी है कि राष्ट्रवाद के मूलमंत्र पर अपने जीवन को आहूत करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे और उनका साथ दिया संस्थापक महामंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने.
अंत्योदय से जनता को मिला लाभ
पूनिया (Satish Poonia) ने इस दौरान दीनदयाल उपाध्याय (Deendayal Upadhyay) की समाज के लिए किए गए काम को याद किया. अंत्योदय का जिक्र किया. कहा- जिन्होंने अंत्योदय (Antyodaya) का नारा दिया. वही अंत्योदय उनकी वाणी और लेखनी से इतना प्रबल हुआ कि अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Bajpai) के नेतृत्व में जब हमारी सरकार बनी तो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के भले की नीतियां बनी. उन्हीं नीतियों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं. चाहे राममंदिर निर्माण का मामला हो या धारा 370 खत्म करने का मामला. यह पंडित दीनदयाल उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजलि है.