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प्रक्रियाधीन भर्तियों में आवेदन रिओपन करने की मांग को लेकर जुटे बेरोजगार युवा, बताई ये वजह

विभिन्‍न प्रक्रियाधीन भर्ती परीक्षाओं में आवेदन का एक और मौका देने की मांग को लेकर बेरोजगार युवा बुधवार को जयपुर के शहीद स्‍मारक पर जुटे. बेरोजगारों का कहना है कि लाखों अभ्‍यर्थी इन परीक्षाओं में व्‍यावहारिक कारणाें से आवेदन नहीं कर पाए, इसलिए आरपीएससी की ओर से कराई जा रही भर्ती परीक्षाओं में फॉर्म भरने का एक और अवसर प्रदान किया (Demand of reopen apply process in recruitments) जाए.

Unemployed youth Demand of reopen apply process in recruitments
प्रक्रियाधीन भर्तियों में आवेदन रिओपन करने की मांग को लेकर जुटे बेरोजगार युवा, बताई ये वजह

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Published : Sep 21, 2022, 8:21 PM IST

जयपुर.व्याख्या, पटवारी, द्वितीय श्रेणी शिक्षक जैसी प्रक्रियाधीन भर्तियों के आवेदन रीओपन करने की मांग को लेकर युवा बेरोजगार बुधवार को शहीद स्मारक पर जुटे. उन्होंने लाखों की संख्या में युवा बेरोजगारों की ओर से आवेदन नहीं कर पाने का हवाला देते हुए, आरपीएससी की ओर से कराई जा रही भर्ती परीक्षाओं में फॉर्म भरने का एक और अवसर प्रदान करने की मांग (Demand of reopen apply process in recruitments) की.

विभिन्न प्रक्रियाधीन भर्ती परीक्षाओं के आवेदन दोबारा भरवाने और स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की सभी विसंगतियों को दूर किए जाने की मांग को लेकर बेरोजगार युवा शहीद स्मारक पर जुटे. उन्होंने कहा कि स्कूल व्याख्याता भर्ती 2022 और सेकंड ग्रेड 2022 के आवेदन मई और फरवरी में भरे गए थे. 30 जुलाई को सीएम गहलोत ने ट्वीट कर आगामी भर्ती परीक्षाओं में आयु सीमा में दो साल की छूट देने की घोषणा की. चूंकि कोरोना के कारण परीक्षाएं समय पर नहीं हो सकी, लेकिन इस छूट का लाभ बेरोजगार युवाओं को तभी मिल पाएगा जबकि भर्ती के आवेदन दोबारा भरवाए जाएंगे. क्योंकि आमतौर पर ये भर्तियां दो तीन साल में आती हैं, यदि आवेदन नहीं भरवाए गए तो युवा फिर से आयु सीमा पार कर जाएंगे.

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उनकी मांग है कि कृषि संकाय के तीन विषयों एग्रोनॉमी, हॉर्टिकल्चर और एनिमल हसबैंड्री की बाध्यता समाप्त कर आवेदन फिर से मांगें जाएं. जबकि स्कूल व्याख्याता और द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में बीएड द्वितीय वर्ष के अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, लेकिन कोविड की वजह से यूनिवर्सिटी ने इनकी परीक्षाएं अक्टूबर तक प्रस्तावित की हैं. जबकि भर्ती की शर्तों के अनुसार अभ्यर्थी शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं कर पाने की वजह से बाहर हो रहे हैं. चूंकि सैकेंड ग्रेड के फॉर्म पहले भरे गए थे, जबकि इसकी परीक्षा तिथि बाद में घोषित की गई. इस विसंगति को दूर करने की भी मांग की गई.

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उधर, शिक्षा विभाग में उप प्राचार्य के सृजित 50 फीसदी पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं होने से आहत शिक्षक शुक्रवार को शहीद स्मारक पर जुटेंगे. पहले प्रधानाध्यापक पद पर सीधी भर्ती परीक्षा से 50 फीसदी पद भरे जाते थे, लेकिन 2021 में शिक्षा नियमों में बदलाव करके इस पद का न केवल नाम परिवर्तित करके उप प्राचार्य रख दिया गया, बल्कि 3.5 लाख तृतीय और द्वितीय श्रेणी सहित निजी विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों को उनके अधिकार से वंचित रखा गया है. ऐसे में अब शिक्षक 23 सितंबर को शहीद स्मारक पर अपनी मांगों को लेकर धरना देंगे.

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