जयपुर:21 अप्रैल से मिलने वाली छूट के बाद शुरू होने वाले लघु उद्योग और ग्रामीण औद्योगिक इकाइयों में इन लोगों को रोजगार के साथ-साथ आय का सृजन भी करवाया सकेगा. प्रशासन के मुताबिक, यह सभी लोग 14 दिन का एतिहातन क्वॉरेंटाइन बिता चुके हैं. वक्त वक्त पर इनकी स्क्रीनिंग और चिकित्सीय जांच की जा चुकी है ऐसे में इन लोगों को काम पर भेजने को लेकर कोई एतराज नहीं होना चाहिए.
लाॉडाउन 2.0 में 3 मई तक बंद के कारण घर जाने को आतुर यह श्रमिक और कामगार जब परेशान हो रहे थे. ऐसे समय में जिला प्रशासन ने लॉकडाउन को लेकर बन रही नीति के बीच एक राहत भरा रास्ता निकाला है. इसके तहत जयपुर शहर की छोटी औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में मौजूद कारखानों में इन लोगों को रूचि के अनुसार काम दिया जाएगा.
काम के बदले इन फैक्ट्रियों को अपने यहां काम करने के लिए आने वाले श्रमिकों को रहने खाने की सुविधा के साथ-साथ सरकारी रेट के मुताबिक भुगतान भी करना होगा. सरकार का मानना है कि इस कवायद के जरिए घर जाने को बेकरार मजदूरों को ना सिर्फ राहत मिलेगी बल्कि लॉक डाउन खत्म होने के बाद अचानक आने वाले आर्थिक संकट का समाधान भी निकल आएगा. इससे श्रमिकों के पलायन के बाद उत्पादन शुरू करने में आ रही चुनौतियों से निपटने में इन कारखानों को भी मदद मिलेगी.