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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 7 दिन में तीसरी बार दुखद खबर, टाइगर सीता की हुई मौत - नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की खबर

राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 7 दिन में तीसरी दुखद खबर मिली है. गुरुवार को फीमेल सफेद टाइगर सीता की मौत हो गई. इससे पहले शेरनी सुजैन और रंभा के मादा शावक रिद्धि की मौत हो चुकी है. शेरनी सुजैन की मौत की वजह केनाइन डिस्टेंपर वायरस को बताया गया था.

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Published : Sep 26, 2019, 11:30 PM IST

जयपुर.टाइगर सीता की मौत का अभी तक स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है. शुक्रवार को बरेली आने वाली डॉक्टर्स की टीम टाइगर का पोस्टमार्टम करेगी और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा. लेकिन जिस केनाइल डिस्टेंपर वायरस की वजह से पहले दो वन्यजीवों की मौत हो चुकी है, यही वायरस टाइगर सीता की मौत का कारण हो सकता है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सीता की मौत

केनाइल डिस्टेंपर वायरस की वजह से बाकी वन्यजीवों पर भी खतरा बना हुआ है, जिसको लेकर वन विभाग गंभीर हो चुका है. बता दें कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 19 सितंबर को एशियाई शेरनी सुजैन की मौत हुई थी. सुजैन की प्रारंभिक जांच में आईवीआरआई की टीम ने केनाइल डिस्टेंपर वायरस होने की पुष्टि की थी. इसके बाद 21 सितंबर को 10 महीने की बाघिन रिद्धि की मौत हो गई. इसके बाद वन विभाग ने दिल्ली से वैक्सीन मंगा कर सभी वन्यजीवों को लगाया. लेकिन फिर भी यह वायरस फैल गया.

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पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई गुरुवार को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का दौरा करने पहुंचे और यहां वन्यजीवों के हालात की जानकारी ली. वन मंत्री के साथ चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर भी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचे. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर और डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने वन्यजीवों को दी जा रही डोज और उनकी व्यवस्थाओं की जानकारी दी. इसके बाद वन मंत्री ने पार्क में मौजूद वन्यजीवों की व्यवस्थाओं को देखा.

वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि पिछले दिनों शेरनी सुजैन को गुजरात से लाया गया था. शेरनी को सीवीडी की बीमारी होने से उसकी की मौत हो गई थी. सुजैन की मौत के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सभी वन्यजीवों को वैक्सीन किया गया. आज फीमेल वाइट टाइगर सीता की मौत हुई है, जिसको भी वैक्सीन किया गया था. बावजूद इसके टाइगर सीता की अचानक ही मौत हो गई. टाइगर के शव का बरेली से डॉक्टर्स की टीम आकर पोस्टमार्टम करेगी, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा. उन्होंने कहा कि यह नई बीमारी पहली बारी आई है, जिसको लेकर वन विभाग गंभीरता से वन्यजीवों की मॉनिटरिंग कर रहा है. आगे से पूरा प्रयास रहेगा कि अब इस बीमारी से किसी वन्यजीव को खतरा नहीं हो. विभाग की ओर से पूरी तत्परता रखी जाएगी, ताकि दोबारा से ऐसी कोई घटना नहीं हो. टाइगर सीता 15 साल की हो चुकी थी. बता दें कि टाइगर्स की अधिकतम उम्र 18 वर्ष की होती है, यानी कि मनुष्यों के हिसाब से 100 वर्ष तक आयु होती है तो शेरनी 75 वर्ष की हो चुकी थी.

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