राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, निजी लैब में अब 350 रुपए में होगा कोरोना टेस्ट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कोविड-19 महामारी की बढ़ती गति से 2 कदम आगे बढ़कर संक्रमण को रोकने तथा समुचित इलाज की पुख्ता तैयारी सुनिश्चित करें. इस मुश्किल घड़ी में राज्य सरकार लोगों की जीवन रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने निजी लैब और अस्पतालों में कोरोना के लिए आरटीपीसीआर जांच की दर घटाकर 350 रुपये करने के निर्देश दिए, जो देश में सबसे कम होगी.

order of CM Ashok Gehlot, Corona test in Rajasthan
गहलोत सरकार का बड़ा फैसला

By

Published : Apr 18, 2021, 2:07 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कोविड-19 महामारी की बढ़ती गति से 2 कदम आगे बढ़कर संक्रमण को रोकने तथा समुचित इलाज की पुख्ता तैयारी सुनिश्चित करें. इस मुश्किल घड़ी में राज्य सरकार लोगों की जीवन रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने निजी लैब और अस्पतालों में कोरोना के लिए आरटीपीसीआर जांच की दर घटाकर 350 रुपये करने के निर्देश दिए, जो देश में सबसे कम होगी.

सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन हर जिले में कोरोना प्रबंधन के लिए अधिकाधिक संसाधन जुटाएं. किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रहे. हमारे लिए हर व्यक्ति की जान कीमती है. उन्होंने राजस्थान के सभी जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए मानचित्र पर रूटचार्ट बनाने के निर्देश दिए, ताकि आवश्यकता बढ़ने पर सभी जगहों पर जल्द से जल्द मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.

गहलोत ने कुछ स्थानों पर आरटीपीसीआर जांचों की रिपोर्ट में हो रही देरी को गंभीरता से लिया. उन्होंने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराने तथा अनियमितता करने वाली लैब्स एवं कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महामारी के समय में इस तरह की लापरवाही से न केवल संक्रमण बढ़ता है, बल्कि यह स्थिति किसी के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ विभिन्न जिलों में कोविड मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की. चिकित्सकों द्वारा इन जीवन रक्षक दवाओं का तार्किक और आवश्यकता के अनुरूप उपयोग सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर और ऑक्सीजन सिलेण्डर के विशेष प्रोटोकाॅल जारी करने का सुझाव दिया.

पढ़ें-राजस्थान में कोरोना का कहर, रविवार को कोविड रिव्यू मीटिंग में सीएम गहलोत ले सकते हैं कड़े फैसले

उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला अस्पतालों तथा अन्य अस्पतालों के चिकित्सक एसएमएस सहित विभिन्न मेडिकल काॅलेजों के विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर सकते हैं, जिससे किसी भी जरूरी संसाधन का व्यर्थ उपभोग नहीं हो. सीएम गहलोत ने जिलों अस्पतालों एवं मेडिकल काॅलेजों पर बिना लक्षण वाले तथा कम गंभीर कोरोना मरीजों का दबाव घटाने के लिए कोविड केयर सेंटर तथा संस्थागत क्वारंटाइन सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों पर मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से की जाएगी. आवश्यकता पड़ने पर इंदिरा रसोई से भोजन के पैकेट क्वॉरेंटाइन तथा कोविड केयर सेंटरों पर वितरित किए जा सकेंगे.

चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने बताया कि शनिवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन के साथ 11 राज्यों के चिकित्सा मंत्रियों की विशेष चर्चा हुई है. इस बैठक में उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को राजस्थान में संक्रमण के प्रसार की स्थिति तथा उपलब्ध संसाधनों का विवरण दिया. साथ ही मरीजों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के दृष्टिगत प्रदेश के लिए रेमडेसिविर और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि सभी जिला कलक्टरों को कोविड केयर और क्वॉरेंटाइन तथा आइसोलेशन केन्द्रों के संचालन के लिए एसडीआरएफ के फंड का उपयोग करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है. साथ ही स्थानीय स्तर पर चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद के लिए आरटीपीपी एक्ट के नियमों में शिथिलता देते हुए आवश्यकता के अनुसार बिना निविदा के खरीद की प्रक्रिया अपनाने के लिए भी निर्देश दिए हैं.

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि एसडीआरएफ की निधि के उपयोग के लिए केन्द्र सरकार से भी दिशा-निर्देश प्राप्त हो गए हैं. जिला कलेक्टर राहत शिविर तथा क्वारंटाइन केन्द्रों आदि में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए इस निधि का उपयोग कर सकते हैं. महाजन ने बताया कि प्रदेश में शनिवार को कुल पाॅजिटिव केसेज की संख्या 60 हजार पहुंच गई है. संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर सर्वेक्षण शुरू किया है, ताकि संभावित मरीजों को जल्द से जल्द चिन्हित कर आइसोलेट किया जाए और उनका तुरंत इलाज शुरू किया जाए, ताकि अस्पतालों पर मरीजों का दबाव नहीं बढ़े.

बैठक में चिकित्सा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे. आरयूएचएस के कुलपति डाॅ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के वरिष्ठ चिकित्सक, जिला कलेक्टर एवं मेडिकल काॅलेजों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी तथा सीएमएचओ वीसी के माध्यम से बैठक से जुड़े.

ABOUT THE AUTHOR

...view details