जयपुर. कोरोना संकट के दौर में प्रदेश में विश्वविद्यालय और कॉलेजों की परीक्षा होंगी या नहीं, इस पर फैसला लेने के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी गुरुवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस कमेटी की सिफारिश पर ही तय होगा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के करीब 20 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा होगी या नहीं. परीक्षा होगी तो किस फॉर्मूले से और यदि नहीं होंगी तो विद्यार्थियों को प्रमोट करने का क्या फार्मूला होगा. इस बीच विद्यार्थियों ने सरकार से परीक्षा निरस्त करने की मांग की है.
छात्रा शैली शर्मा का कहना है कि परीक्षा के दौरान कोई एक विद्यार्थी या स्टाफ कोरोना संक्रमित होता है तो बाकी विद्यार्थियों और स्टाफ के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार को ऑफलाइन के बजाए अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए या फिर विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाना चाहिए. क्योंकि वर्तमान हालात में ऑफलाइन परीक्षा लेना सुरक्षित नहीं है. उनका कहना है कि परीक्षा देने के लिए कई विद्यार्थियों को बस-ट्रेन में सफर भी करना पड़ेगा. ऐसे में या तो प्रमोट किया जाए या फिर परीक्षा के दूसरे विकल्पों पर ध्यान दिया जाए.