जयपुर. कोरोना का डर लोगों में इस कदर बैठ गया है कि लोग हल्की सर्दी-खांसी होने पर चिकित्सक की सलाह के बिना ही दवाइयों की खरीद करके उनका सेवन कर रहे हैं. यह घातक हो सकता है.
चिकित्सक की सलाह के बिना न लें दवा मामले को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान लोग डॉक्टर की सलाह के बिना दवा ले रहे हैं. ऐसे में सर्दी खांसी जुकाम के अलावा एंटीबायोटिक दवाओं की डिमांड एकाएक बढ़ गई है. ऐसे में इनकी कीमतों में भी इजाफा हो रहा है. कुछ दवाइयां तो बाजार से गायब ही हो गई है.
दवा की हो रही है कालाबाजारी मामले को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में जब एक व्यक्ति संक्रमित हो जाता है और किसी अन्य व्यक्ति में संक्रमण के मामले दिखते हैं तो बिना चिकित्सक की सलाह के वह संक्रमित व्यक्ति से पूछ कर दवाइयों का सेवन कर रहा है. जो किसी भी मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है.
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बुखार और एंटीबायोटिक की ज्यादा मांग
मेडिकल स्टोर्स से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों बुखार और एंटीबायोटिक दवाइयों की मांग सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है. इसके अलावा विटामिन और जिंक की दवाइयों की मांग भी एकाएक बढ़ गई है. ऐसे में एंटीबायोटिक और बुखार की दवाइयां की कीमतों में भी अच्छा खासा इजाफा देखने को मिल रहा है.
कोरोना के लक्षण हों तो चिकित्सक से सलाह लें राजस्थान स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान दवा कंपनियों ने आपदा में अवसर ढूंढना शुरू कर दिया है. सामान्य सी दवाइयों की कीमतों में भी बढ़ोतरी कर दी है. जो स्टॉकिस्ट कोविड-19 संक्रमण की दवाइयां बेच रहे हैं उन्होंने कालाबाजारी शुरू कर दी है. ऐसे में सरकार को इनके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए.
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चिकित्सक की सलाह जरूरी
डॉ प्रदीप शर्मा का कहना है कि बिना चिकित्सक की सलाह से दवाइयां लेना खतरनाक हो सकता है. खासकर एसिंप्टोमेटिक मरीजों को भी बिना चिकित्सक की चलाकर दवाइयां नहीं लेनी चाहिएं. क्योंकि कई बार कुछ दवाइयां मरीज पर उल्टा असर डाल सकती हैं. जिसके चलते एसिंप्टोमेटिक मरीज की तबीयत भी ज्यादा खराब हो सकती है. ऐसे में यदि व्यक्ति पॉजिटिव है तो उसे एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए.