जयपुर. पुलिस कांस्टेबल प्रशासन तंत्र की सबसे मजबूत कड़ी माने जाते हैं. यही कारण है कि पुलिस कांस्टेबल को पुलिस तंत्र की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है. पुलिस कांस्टेबल को अपनी समस्याएं और सुझाव आला अधिकारी तक पहुंचाने में या उनसे कहने में कभी-कभी एक हिचकिचाहट महसूस होती है. ऐसे में आला अधिकारी और कांस्टेबल के बीच सीधा संवाद होना बहुत जरूरी है. जिसे लेकर पुलिस मुख्यालय से डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव की ओर से सभी रेंज आईजी और जिला एसपी को कांस्टेबल से वन-टू-वन संवाद करने और उनकी समस्याओं को जानकर उनका निदान करने के निर्देश दिए गए.
डीजीपी के निर्देशों की पालना करते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से जवानों की समस्याओं को जानने और उन्हें हल करने की अनूठी पहल शुरू करते हुए जयपुर पुलिस लाइन में कांस्टेबल के लिए संपर्क सभा की व्यवस्था शुरू की गई. इसके साथ ही पुलिस लाइन में ही कैंटीन के पास एक लाल रंग की सुझाव पेटी भी लगवाई गई.
एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जिलों और पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल से पिछले डेढ़ माह से संपर्क सभा के दौरान सीधा संवाद किया जा रहा है. इस दौरान जवानों की समस्याओं को जाना जा रहा है और उन तमाम समस्याओं का त्वरित निदान भी किया जा रहा है.
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वहीं, अनेक समस्याएं या सुझाव ऐसे होते हैं जिसे अधिकारियों से सीधे कहने से कांस्टेबल हिचकिचाते हैं और कह नहीं पाते हैं. इसके लिए भी एक रास्ता निकाला गया है और जब पुलिस लाइन में कैंटीन एरिया में एक लाल रंग की सुझाव पेटी लगाई गई है. जिसमें कोई भी कांस्टेबल अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए समस्या या सुझाव कागज पर लिखकर डाल सकता है.
प्रतिदिन किया जाता है समस्याओं का निस्तारण...
एडिशनल डीसीपी सिंघल ने बताया कि पुलिस लाइन में लगाई गई सुझाव पेटी में आई हुई समस्याओं का प्रतिदिन निस्तारण किया जाता है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी हेडक्वार्टर कार्यालय से प्रतिदिन एक कर्मचारी पुलिस लाइन में आकर सुझाव पेटी का ताला खोलकर सुझाव पेटी में आई हुई तमाम पर्चियों को अपने साथ ले जाता है और डीसीपी हेडक्वार्टर को सौंप देता है. जहां एक-एक पर्ची को खोलकर उस में लिखी गई समस्याओं को पढ़ा जाता है और उनका जिस स्तर पर निस्तारण हो सकता है वह किया जाता है. इसके साथ ही कांस्टेबल की ओर से दिए गए सुझावों पर भी काम किया जाता है.
छुट्टी और साप्ताहिक रेस्ट को लेकर जवान परेशान...
सुझाव पेटी में आने वाली अधिकांश समस्याएं जवानों की छुट्टी और साप्ताहिक रेस्ट को लेकर होती है. ऐसे में डीसीपी हेडक्वार्टर कार्यालय की ओर से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जयपुर कमिश्नरेट के किस जिले में और कौन से थाने में तैनात जवानों को लंबे समय से छुट्टी और साप्ताहिक रेस्ट नहीं मिला है. उसके बाद उन जवानों को चिन्हित कर उन्हें अवकाश दिया जाता है और साथ ही साप्ताहिक रेस्ट भी दिया जाता है.