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स्पीकर को 'निर्देशित' किए जाने पर कटारिया का बड़ा बयान, सुनिये क्या कहा

विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायकों को नोटिस जारी करने को लेकर हाईकोर्ट ने 24 जुलाई तक कोई निर्णय नहीं लेने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट द्वारा 'निर्देशित' शब्द का प्रयोग करने के मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है, 'मैं समझता हूं कि जो एक शब्द 'निर्देशित' का प्रयोग कोर्ट द्वारा किया गया है, वह विधानसभा स्पीकर के अधिकारों का हनन है.'

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कटारिया की मीडिया से बातचीत

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Published : Jul 22, 2020, 12:28 PM IST

जयपुर.प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच विधानसभा अध्यक्ष हाईकोर्ट द्वारा उनके अधिकार क्षेत्र में किए जा रहे हस्तक्षेप से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुके हैं. हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी एक बड़ा बयान दिया है.

कटारिया की मीडिया से बातचीत

कटारिया ने कहा 'मैं समझता हूं कि जो एक शब्द 'निर्देशित' का प्रयोग कोर्ट द्वारा किया गया है, वह विधानसभा स्पीकर के अधिकारों का हनन है.' स्पीकर सीपी जोशी की प्रेस वार्ता के बाद कटारिया के निवास पर हुई बीजेपी के प्रमुख नेताओं की बैठक के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान कटारिया ने ये बात कही.

कटारिया ने कहा कि हम सभी 24 जुलाई के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. स्पीकर सुप्रीम कोर्ट में जाते हैं और उनकी SLP पर सुनवाई होती है तो उसके निर्णय को देखकर ही हम आगे कोई निर्णय लेंगे.

यह भी पढ़ें :सीपी जोशी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा...कहा- बागी विधायकों को नोटिस भेजने का मुझे पूरा हक

कटारिया ने कहा कि हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में पहले तो कोर्ट में स्पीकर से आग्रह किया था कि वह याचिका के संबंध में कोई निर्णय ना दें, लेकिन हाल ही में जब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा उस दौरान 'निर्देशित' शब्द का इस्तेमाल किया जो स्पीकर के अधिकार का हनन लगता है. हालांकि, कटारिया ने यह भी कहा कि अभी उन्होंने कोर्ट का इस संबंध में पूरा आदेश नहीं पढ़ा है. पूरा आदेश पढ़ने के बाद ही वे आगे कुछ कह पाएंगे.

बता दें कि राजस्थान विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायकों को नोटिस जारी करने को लेकर हाईकोर्ट ने लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय नहीं लेने के लिए सीपी जोशी को निर्देशित किया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि जब तक हाईकोर्ट अपना फैसला नहीं सुना देता, तब तक वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.

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