जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव समय पर कराने का उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का अनुरोध अस्वीकार कर दिया है. आयोग ने साफ कर दिया कि अब समय पर चुनाव करना संभव नहीं है. हाल ही में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर समय पर चुनाव कराने का अनुरोध किया था. चिट्ठी में पायलट ने कहा था कि सरकार की प्रशासक लगाने की कोई मंशा नहीं है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग को लिखी चिट्ठी में स्पष्ट लिखा है कि आयोग की ओर से समय-समय पर चुनाव करवाने संबंधी अपने स्तर से विभाग को लिखित में और बैठकों में हरसंभव प्रयास किए गए, किंतु उपमुख्यमंत्री के पत्र से यह प्रतीत होता है कि उनके ध्यान में यह तथ्य नहीं लाया गया. आयोग के ध्यान में यह भी आया है कि विशेष अनुमति याचिका में पारित अंतरिम आदेश के संदर्भ में राज्य के महाधिवक्ता से राय ली गई थी, जो उनके ओर से अपने पत्रांक दिनांक 10 जनवरी 2020 से विभाग को उपलब्ध करवा दी. यदि इस प्रकरण में महाधिवक्ता की ओर से दी गई राय से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराते तो उन्हें स्थिति अपने आप में स्पष्ट हो जाती है. इसके अतिरिक्त यह भी स्पष्ट नहीं है कि विभाग महाधिवक्ता की ओर से दी गई राय से सहमत है अथवा नहीं.
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उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि आयोग की ओर से इस विषय की गंभीरता एवं संवैधानिक दायित्व को समझते हुए समय-समय पर गंभीर प्रयास किए हैं. परंतु विभाग की ओर से पंचायती राज संस्थाओं के परिसीमन में अत्यधिक समय एवं लगातार अधिसूचना जारी करते रहने से उनको कठिनाइयां आती रही. फिर भी इन विषम परिस्थितियों में भी आयोग की ओर से सर्वोत्तम संभव विकल्प एवं न्यायालय के निर्णय को ध्यान में रखते हुए सरपंच और पंचों के चुनाव का कार्यक्रम जारी किया गया, जो जारी है.