जयपुर.कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से वर्चुअल तरीके से संवाद किया और इस दौरान कोरोना प्रबंधन को लेकर सुझाव भी लिए. इस दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह भी जुड़े. लेकिन उन्हें सुझाव रखने का मौका नहीं मिल पाया. जिसके चलते उन्होंने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार को कई सुझाव दिए.
मुख्यमंत्री का कोरोना प्रबंधन को लेकर जनप्रतिनिधियों से संवाद, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने वीडियो जारी कर दिए सुझाव - कोरोना प्रबंधन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से वर्चुअल तरीके से संवाद किया और इस दौरान कोरोना प्रबंधन को लेकर सुझाव भी लिए. इस दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह भी जुड़े. लेकिन उन्हें सुझाव रखने का मौका नहीं मिल पाया. जिसके चलते उन्होंने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार को कई सुझाव दिए.
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में इस महामारी के दौरान ऑक्सीजन की बेहद कमी है. ऐसे में प्रदेश सरकार को सीधे मैन्युफैक्चर से बात करके ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद करनी चाहिए. इससे बड़ा फायदा प्रदेश सरकार को मिलेगा और उसके लिए एमपी, एमएलए कोष से मिली राशि का इस्तेमाल करना चाहिए. राठौड़ ने सांसद निधि से मिली सहायता के जरिये प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का काम शुरू करने का सुझाव भी दिया. राठौड़ ने कहा महज 15 दिन में एक प्लांट लग कर तैयार हो जाता है.
राठौड़ ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना से जुड़े प्राइवेट अस्पतालों की संख्या 300 से बढ़ाकर 5000 तक करने का सुझाव भी दिया. क्योंकि राजस्थान में करीब 300 निजी अस्पताल ही जुड़ पाए हैं और यह संख्या राठौड़ के अनुसार बेहद कम है, जिसे बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है. राठौड़ ने कहा कि अगले 15 दिन में प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों की सूची में इजाफा करें और से 5000 तक लेकर जाए. राठौड़ ने सरपंचों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए 50 हजार रुपये वित्त आयोग द्वारा दिए जाने के मुख्यमंत्री के निर्णय पर सुझाव देते हुए कहा कि ये राशि बेहद कम है. इसे बढ़ाया जाना चाहिए और कंसंट्रेटर की खरीद सरपंच नहीं कर सकते इसलिए सरकार को ही करके देना चाहिए.
उन्होंने प्रदेश में 8 से 10 दिन का सख्ती से कर्फ्यू लगाए जाने का भी समर्थन किया और अपील भी की कि आमजन यदि सख्ती से इसकी पालना करें तो इस महामारी का प्रकोप काफी हद तक कम किया जा सकता है.