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अध्यक्ष ही मुख्यमंत्री बने ये व्यवस्था नहीं, अध्यक्ष कितने दिन है इसकी भी गारंटी नहीं - ओम माथुर

प्रदेश भाजपा (Rajasthan BJP) में अगले मुख्यमंत्री चेहरे (next CM face) को लेकर चल रही खींचतान के बीच राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर (Om Mathur) का एक बड़ा बयान सामने आया है. माथुर ने कहा कि भाजपा में कोई व्यक्ति खुद ही तय कर ले कि मैं अगला मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनूंगा यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए. चुनाव अध्यक्ष के नेतृत्व में ही होते हैं लेकिन अध्यक्ष कब तक है इसकी क्या गारंटी.

राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर
राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर

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Published : Sep 3, 2021, 9:29 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 9:38 PM IST

जयपुर. जयपुर आए राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर (Om Prakash Mathur ) से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान माथुर ने कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के लगाए आरोपों पर भी जमकर पलटवार किया. वहीं बढ़ती महंगाई और प्रदेश भाजपा के मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर भी वे खुलकर बोले.

प्रदेश में मुख्यमंत्री के अगले चेहरे को लेकर चल रही खींचतान के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा के बड़े स्वरूप का ही एक रूप है. जो नेता लीडरशिप में हैं और पार्टी में हैं वे इसी उम्मीद को लेकर राजनीति में आए हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है. क्योंकि एंबीशंस नहीं होगा तो कोई आगे कैसे बढ़ पाएगा. लेकिन कोई यह कहे कि मैं अगला मुख्यमंत्री बनूंगा तो यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए. क्योंकि भाजपा में सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड ही तय करता है कि कौन अगला मुख्यमंत्री बनेगा.

भाजपा के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर से खास बातचीत

अध्यक्ष ही अगला मुख्यमंत्री बने, ऐसी नहीं है व्यवस्था

उन्होंने कहा कि भाजपा में पार्टी अध्यक्ष के नेतृत्व में ही चुनाव होते हैं. लेकिन यह कहीं नहीं कहा गया कि पार्टी अध्यक्ष ही मुख्यमंत्री बनता है. अगर सेंटर पार्लियामेंट बोर्ड यह तय कर दे कि अध्यक्ष ही मुख्यमंत्री बनेगा तो बात अलग है. माथुर ने इस दौरान साल 2001 में जब वे खुद मध्य प्रदेश के प्रभारी थे तब का उदाहरण दिया और कहा तब मध्यप्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष कैलाश जी थे लेकिन लीडर के रूप में उमा भारती को आगे किया गया और मुख्यमंत्री भी उमा भारती बनी.

इसी तरह उत्तर प्रदेश में जब माथुर प्रभारी थे तब का भी उन्होंने उदाहरण दिया और कहा तब उत्तर प्रदेश में भी केशव मौर्य पार्टी के अध्यक्ष थे और इसी प्रकार की चर्चा वहां पर प्रबल थी लेकिन लीडर के रूप में तब योगी आदित्यनाथ को आगे किया और वही मुख्यमंत्री बने. माथुर ने कहा कि मतलब साफ है भाजपा में सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड ही सब कुछ तय करता है. मुझे नहीं लगता कि इस प्रकार की गलतफहमी कोई करता होगा.

पढ़ें- कांग्रेस ON भाजपा : भाजपा अपने शासनकाल में क्यों नहीं लाई दल बदल कानून...पहले यूपी सरकार से इस कानून की मांग कीजिये

मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में मेरी कोई चर्चा नहीं

अगले मुख्यमंत्री के तौर पर क्या ओम माथुर चेहरा होंगे, इस सवाल पर वे बोले कि मैंने ऐसी चर्चा नहीं सुनी. हालांकि 45 साल से में सार्वजनिक जीवन में हूं और कार्यकर्ताओं के बीच रहने वाला व्यक्ति हूं. माथुर ने कहा पार्टी मुझे जैसी जिम्मेदारी देती है मैं उसका निर्वहन करता आया हूं. भगवान से यही दुआ करता हूं कि इस पार्टी में मैं सदैव कार्यकर्ता के रूप में रहूं.

कांग्रेस को आरोप लगाने का अधिकार नहीं

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के आरोपों पर वे बोले कि जिस कांग्रेस ने आजादी के बाद देश को बेच दिया और गिरवी रखने का काम किया, उस कांग्रेस के नेताओं को इस प्रकार के आरोप लगाने का अधिकार नहीं है. पीओके नेहरू जी की देन है तो वहीं यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार में जिस प्रकार के घपले और भ्रष्टाचार हुए वह भी सबके सामने है. ऐसे में केंद्र सरकार और बीजेपी पर आरोप लगाने से पहले कांग्रेस नेताओं को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए.

महंगाई पर कांग्रेस नेताओं से डिबेट को तैयार

महंगाई को लेकर माथुर कहते हैं कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी पेट्रोल डीजल के भाव 70 से 80 रुपये तक पहुंच गए थे. यदि तुलनात्मक रूप से महंगाई पर कोई डिबेट करे तो मैं कांग्रेस नेताओं के साथ भी डिबेट करने को तैयार हूं. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि रसोई गैस के बढ़ते दामों से जनता परेशान है तो वे बोले कि मोदी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के जरिए आम जनता के घर तक राहत और विकास की कई सौगातें भी पहुंचाई हैं.

टीम वसुंधरा राजे राजस्थान के कार्यालय को लेकर यह बोले

जयपुर के सांगानेर में टीम वसुंधरा राजे राजस्थान के कार्यालय के उद्घाटन के सवाल पर वे बोले कि हर राज्य में इस प्रकार के मंच और टीम बनना आम बात है. कई कार्यकर्ता अति उत्साह में इस प्रकार का मंच बना लेते हैं. लेकिन इसके पीछे क्या भावना है यह जानना भी बेहद जरूरी है. यह राज्य से जुड़ा विषय है इस पर या तो प्रदेश अध्यक्ष बताएं या खुद वसुंधरा राजे. वसुंधरा राजे ने तो इस प्रकार का कार्यालय बनाने के लिए कहा नहीं होगा लेकिन अति उत्साह में यदि उनके समर्थक ऐसा करते हैं तो इसमें क्या गलत है.

Last Updated : Sep 3, 2021, 9:38 PM IST

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