Special: राजस्थान में 10 दिनों में मनरेगा श्रमिकों की संख्या 60 हजार से बढ़कर हुई करीब 11 लाख
राजस्थान में 10 दिनों में मनरेगा श्रमिकों की संख्या 60 हजार से बढ़कर करीब 11 लाख के पास पहुंच गई है. देश में राजस्थान मनरेगा श्रमिकों को काम देने में दूसरे पायदान है. वहीं, प्रदेश का भीलवाड़ा और डूंगरपुर इस मामले में पहले और दूसरे पायदान पर है. ये जानकारी खुद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और ग्रामीण पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने दी.
मनरेगा में राजस्थान का दूसरा स्थान
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Published : May 1, 2020, 4:28 PM IST
जयपुर. उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के ग्रामीण पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने जानकारी देते हुए कहा कि मनरेगा में राजस्थान में 10,91,699 लाख लोग कार्य कर रहे हैं. जिसके चलते कोरोना संक्रमण काल में पूरे देश में मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार देने में राजस्थान का दूसरा स्थान आया है.
पायलट ने कहा कि लॉकडाउन में जो स्थिति बनी हैं, उसमें लोगों के पास रोजगार कम है और अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है. इस अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए मनरेगा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा सकती है. पायलट ने खुशी जताते हुए कहा कि आज से दस दिन पहले मनरेगा में राजस्थान में जो श्रमिकों की संख्या 60 हजार थी, वो अब बढ़कर करीब 11 लाख तक पहुंच गई है.
इस काम में विभाग के तमाम कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में 80 प्रतिशत काम स्वतंत्र है. जिसमें लोग अपने खेतों में, घरों में काम कर रहे हैं. उसका भुगतान उनको मिल रहा है. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए कार्य किया जा रहा है. पायलट ने कहा कि मनरेगा वह माध्यम है जिससे ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को ताकत और बल मिल रहा है. ऐसे में उम्मीद हैं की इस संख्या को आने वाले दिनों में और बढ़ाएंगे.
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