जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय का 31वां दीक्षांत समारोह (Rajasthan University Convocation) और 76वां स्थापना दिवस आज शनिवार को मनाया गया. जिसमें 113 विद्यार्थियों को 119 स्वर्ण पदक, 472 पीएचडी, 3 डीलिट और 1 लाख 53 हजार उपाधियों का वितरण किया गया. राज्यपाल और कुलाधिपति ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित (Kalraj Mishra in RU 31st Convocation) किया.
आत्मनिर्भर भारत बनाना हो शिक्षा का उदेश्य कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, तकनीक, उद्योग, पूंजी, श्रम और संस्कृति सभी क्षेत्रों में देश कैसे सर्वोच्च स्थान पर पहुंचे, विश्वविद्यालय में इस पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो व्यक्ति को शिक्षित बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने में मदद कर सके. विश्वविद्यालयों में ऐसे युवा तैयार करने चाहिए जो उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा सकें. उन्होंने नई शिक्षा नीति में शिक्षा में वैचारिक नवाचारों के साथ कौशल विकास पर विशेष जोर दिया गया है.
पढ़ें- Gehlot question central Gov. : जब पूरी दुनिया में 2 साल के बच्चों को वैक्सीन लग रही तो हमारे देश में क्यों नहीं : सीएम गहलोत
उन्होंने शिक्षक और विद्यार्थी के निरंतर संवाद, पाठ्यक्रमों में समयबद्ध युगानुरूप परिवर्तन-परिवर्धन के साथ उनमें नवाचारों को बढ़ावा दिए जाने पर भी जोर दिया. कुलाधिपति मिश्र ने दीक्षांत समारोह (Kalraj Mishra in RU 31st Convocation) में शारीरिक शिक्षा के दो विद्यार्थियों और दर्शनशास्त्र के एक विद्यार्थी को डीलिट और कला, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, विधि, इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, प्रबंध एवं ललित कला संकाय में 472 को पीएचडी की उपाधि प्रदान की. साथ ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 113 छात्र-छात्राओं को 119 स्वर्ण पदक प्रदान किए.
राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव जैन ने अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य उपलब्धियों, विकास कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से आदिवासी छात्राओं के लिए दो छात्रावास भवनों का निर्माण और शुद्ध पेयजल के लिए बीसलपुर परियोजना से पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित हुई है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव केएम दूड़िया ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया.