जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 और नियम 2011 के प्रावधानों की प्रभावी पालना नहीं करने पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकरण और राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य से जवाब मांगा है. सीजे अकील कुरेशी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकाश ठाकुरिया की जनहित याचिका पर दिए.
अधिकारीयों की नहीं हुई नियुक्ति
याचिका में अधिवक्ता अमितोष पारीक ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार ने खाद्य पदार्थों में मिलावट (Food Adulteration In Rajasthan) को रोकने के लिए वर्ष 1954 में बनाए गए कानून को रिपील कर वर्ष 2006 में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम बनाया था. वर्ष 2011 में खाद्य सुरक्षा नियम बनाकर अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया गया. याचिका में कहा गया कि सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम और नियम के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन में असफल रही है. अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारी और मनोनीत अधिकारी की स्थाई रूप से नियुक्ति नहीं की गई है. इसके साथ ही अधिनियम में बताए अन्य अधिकारियों के भी पद खाली हैं.