जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने पानीपत फिल्म में राजा सूरजमल के चरित्र हनन करने का आरोप लगाते हुए दर्ज एफआईआर में फिल्म की निर्माता सुनीता गोवारिकर, निदेशक आशुतोष गोवारिकर और लेखक अशोक चक्रधर सहित फिल्म के वितरक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी हैं.
फिल्म 'पानीपत' के निर्माता, निर्देशक और लेखक सहित अन्य को राहत इस मामले में अदालत ने अनुसंधान जारी करने के निर्देश देते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है और प्रकरण में शिकायतकर्ता दलेसिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश आशुतोष गोवारिकर और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए हैं.
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याचिका में कहा गया कि फिल्म देखने के बाद सेंसर बोर्ड ने प्रमाण पत्र दिया था. फिल्म को जाट समाज के नेताओं को भी दिखाई गई थी और विवादित दृश्य को फिल्म से हटाया जा चुका हैं. इसके अलावा शिकायतकर्ता ने दूसरे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यह मामला दर्ज कराया है.
ऐसे में दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए, इस पर लोक अभियोजक शेरसिंह महला ने जवाब के लिए समय मांगते हुए कहा कि सरकार का जवाब देखे बिना कोर्ट कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं करें. इस पर अदालत ने याचिककर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि दलेसिंह ने बीते 2 जनवरी को सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि फिल्म में राजा सूरजमल को लालची दिखाकर उनका चरित्र हनन किया गया है.