जयपुर.धरोहर बचाओ समिति और विभिन्न संगठनों की ओर से मंगलवार को बिजली और पानी के बिलों को माफ करने को लेकर जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर बिलों की होली जलाई गई. सरकार पानी और बिजली के बिलों को माफ करे, इसे लेकर जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया.
पानी-बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने किया प्रदर्शन ज्ञापन में बताया गया कि पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. जनता कोरोना महामारी के कारण 3 माह से लॉकडाउन में है. लॉकडाउन का सभी लोग पालन कर रहे हैं. राजस्थान में भी लॉकडाउन में सब कुछ बंद रहा. आम जनता ने सरकारी दिशा-निर्देशों की भी पालना की और घरों में कैद रही. इसके चलते सभी काम धंधे, उद्योग, व्यापार नौकरी आदि सब बंद रहे.
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ऐसे में आम आदमी आर्थिक संकट से गुजर रहा है और वह बिजली-पानी के बिल चुकाने की स्थिति में नहीं है. बिजली-पानी के बिलों को लेकर जनता में भी आक्रोश है और यह आक्रोश सरकार से टकराव में भी बदल सकता है. धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने बताया कि टकराव को रोकने के लिए सरकार को बिजली और पानी के बिलों को माफ कर देना चाहिए.
भारत शर्मा ने कहा कि यदि सरकार बिजली और पानी के बिलों को माफ नहीं करती है तो जनता और सरकार में टकराव होगा. जनता इसके लिए संघर्ष करेगी और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि एक तरफ तो कोरोना काल में जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, दूसरी ओर काम-धंधे बंद होने से लोगों के पास खाने के लिए दाने भी नहीं हैं. ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से बिजली-पानी के बिल माफ नहीं करना जनता पर कुठाराघात है.
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शिवसेना के प्रदेश संयोजक मान सिंह ने कहा कि सरकारी दिशा निर्देशों के तहत कोई भी मकान मालिक अपने किराएदार से जबरन लॉकडाउन में किराया वसूल नहीं करेगा और ना ही मकान खाली करवाएगा. ऐसी स्थिति में सरकार खुद ही बिजली और पानी के बिल भेज कर जनता का शोषण कर रही है.