जयपुर. राजधानी का क्षेत्रफल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही इमारतों का कद और आग की दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं, गर्मी में तो और भी ज्यादा. बीते साल राजधानी में 1,300 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुईं. इनमें वीकेआई इंडस्ट्रियल एरिया में तीन, जबकि हेरिटेज एरिया में दो हादसे तो काफी विकराल थे. हालांकि, जयपुर की फायर ब्रिगेड ने इन पर समय रहते काबू पाया, वरना इन हादसों में जान-माल का नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था.
फैलता शहर और बढ़ते हादसे... वहीं, अब गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, जिसमें आगजनी की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार आग लगने की सबसे बड़ी वजह लापरवाही है. गर्मी के दिनों में शॉर्ट सर्किट ज्यादा होते हैं और जहां सूखी घास और लकड़ियां अधिक हो जाती हैं, वहां भी आग लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
चूंकि अब शहर में दो निगम हो गए हैं. ऐसे में फायर डिपार्टमेंट भी दो हिस्सों में बंट गया है. शहर में मौजूद 12 फायर स्टेशन में से 8 ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में जबकि 4 हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में है. सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार शहर में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए फायर टीम पूरी तरह सक्षम है, फिर चाहे बड़ी इमारतें हो या तंग गलियां.
हेरिटेज नगर निगम फायर स्टेशन :
- आमेर
- घाटगेट
- बनीपार्क
- चौगान
ग्रेटर नगर निगम फायर स्टेशन...
हालांकि, बढ़ते शहर को देखते हुए, अब चार नए फायर स्टेशन शुरू करने की भी तैयारी की जा रही है. साथ ही ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में ऊंची इमारतों के लिए एक 70 मीटर एएचएलपी भी फायर बेड़े से जुड़ेगी.
ग्रेटर नगर निगम में फायर वाहन... प्रस्तावित फायर स्टेशन :
- चित्रकूट (वैशाली नगर)
- सरना डूंगर
- सिविल लाइन जोन
- अजमेर रोड
हेरिटेज नगर निगम में फायर वाहन...
राजधानी में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए फायर स्टेशन और संसाधनों को अपग्रेड जरूर किया जा रहा है, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि जयपुर का फायर डिपार्टमेंट अस्थाई कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है. दोनों निगमों में तकरीबन 250 फायरमैन और 150 ड्राइवर कॉन्ट्रैक्ट पर लगे हुए हैं. जबकि स्थाई फायरमैन महज 112 और स्थाई ड्राइवर 22 ही हैं. यही नहीं, राजधानी में 2 एएफओ के पद भी रिक्त हैं. यही वजह है कि अब एएफओ और फायरमैन की भर्ती की मांग भी उठ रही है.
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बताया जा रहा है कि प्रदेश में जल्द 600 फायरमैन और 29 एएफओ पद पर भर्ती की जाएगी और 200 नई गाड़ियां भी प्रदेश के अग्निशमन दस्ते से जुड़ेंगी. इनमें से कुछ जयपुर के खाते में भी आएंगी. वहीं, देखना होगा कि जिन भर्तियों की बात प्रशासन के द्वारा की जा रही है, उनके लिए विज्ञप्ति कब जारी होती है.