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जयपुर परकोटा क्षेत्र में लगे पोस्टर पर डिप्टी मेयर ने उठाए सवाल, मेयर ने दिया ये जवाब

जयपुर के परकोटा क्षेत्र को विश्व धरोहर में शामिल करने के बाद शहर में बधाइंयों का पोस्टर लगाया गया है जहां कांग्रेस सरकार के नेता और खुद मेयर की तस्वीरें साफ देखी जा सकती है. डिप्टी मेयर ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जिनके तस्वीरें पोस्टर में हैं उन्हें ये तक नहीं पता होगा कि हेरिटेज कहां से कहां तक लिया गया है.

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Published : Jul 21, 2019, 8:24 PM IST

मेयर और डिप्टी मेयर के बीच छिड़ा पोस्टर विवाद

जयपुर. शहर के परकोटा क्षेत्र को विश्व धरोहर में शामिल करने के बाद शहर में लगे बधाई के पोस्टरों पर सियासी घमासान मच गया है. शहरी सरकार के मुखिया और डिप्टी मेयर के बीच विवाद खड़ा हो गया है. डिप्टी मेयर का आरोप है कि जिस टीम को बधाई पोस्टर लगा कर धन्यवाद दिया जा रहा है, उन्हें तो ये तक नहीं पता होगा कि हेरिटेज कहां से कहां तक है. जबकि मेयर ने तर्क दिया है कि कांग्रेस 1998 से जयपुर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए प्रयासरत है.

मेयर और डिप्टी मेयर के बीच छिड़ा पोस्टर विवाद

जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल करने के बाद मेयर विष्णु लाटा के निर्देश पर शहरभर में बधाई पोस्टर लगाए गए हैं. जिसमें सीएम अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जयपुर शहर की विधानसभा सीटों से जीते हुए कांग्रेस विधायकों की तस्वीर के साथ खुद मेयर की एक बड़ी तस्वीर लगी है. जिस पर अब उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने सवाल किया कि होर्डिंग में जिन लोगों के तस्वीर लगी है, उनका जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कराने में क्या योगदान रहा.

उन्हें तो ये तक पता नहीं होगा की हेरिटेज कहां से कहां तक है. डिप्टी मेयर ने कहा कि ओछी सोच के कारण करोड़ों रुपए के होर्डिंग शहर भर में लगा दिए गए. जिसमें सत्ताधारी पार्टी के विधायक, मंत्री और मेयर की तस्वीर लगाई है. जबकि जिनका योगदान है, धन्यवाद उन्हें देना चाहिए. डिप्टी मेयर के इन सवालों का जवाब देते हुए मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि कांग्रेस 1998 से शहर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है. और कांग्रेस के इस बार सत्ता में आने के बाद दोबारा प्रेजेंटेशन तैयार कराया गया. जिसका परिणाम सामने है.

बता दें कि इस संबंध में डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को पत्र लिखा है. पत्र में बगैर किसी का नाम लिख उन्होंने महापौर पर सीधा निशाना साधा है. जिसके बाद अब निगम में पोस्टर विवाद खड़ा हो गया है.

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