जयपुर.टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में सभी अपने आप को अपग्रेड कर रहे हैं. टेक्नोलॉजी के इस दौर में बदमाश भी हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं. मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर पूर्व में पुलिस बदमाशों को दबोच लिया करती थी लेकिन अब बदमाश भी इस तकनीक को समझ चुके हैं. ऐसे में अब बदमाशों को ढूंढने और उनकी पहचान करने के लिए शहर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए एक विश्वसनीय दोस्त के रूप में काम कर रहे हैं. यही कारण है कि राजधानी जयपुर में घटित होने वाली संगीन वारदातों को सुलझाने में सीसीटीवी कैमरों का अहम रोल रहता है.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश का कहना है कि वर्तमान में राजधानी जयपुर में अभय कमांड सेंटर से 700 सीसीटीवी कैमरे कनेक्ट हैं. भविष्य में और भी सीसीटीवी कैमरे को अभय कमांड सेंटर से जोड़ने का काम चल रहा है. राजधानी के तमाम प्रमुख चौराहों और तिराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे शहर को आराम से कवर किया जाता है और हर तरह की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाती है. चाहे बात यातायात संचालन की हो या फिर कानून व्यवस्था की इन कैमरों के माध्यम से जयपुर पुलिस द्वारा हर तरह की स्थिति को मॉनिटर किया जाता है.
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चेतक गाड़ी में भी इंस्टॉल है हाईरेजोल्यूशन कैमरे
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के बाड़े में गत माह पूर्व ही 63 अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त चेतक गाड़ियों को शामिल किया गया है प्रत्येक चेतक गाड़ी में हाई रेजोल्यूशन के दो कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। जिसमें एक कैमरा गाड़ी के डैशबोर्ड में तो वहीं दूसरा कैमरा गाड़ी की छत पर लगाया गया है. यह कैमरे सीधा अभय कमांड सेंटर से कनेक्ट रहते हैं और जहां से भी चेतक वाहन गुजरता है, उसके आसपास की प्रत्येक घटनाओं को अभय कमांड सेंटर की बड़ी स्क्रीन पर लाइव देखा जा सकता है.
इसके साथ ही राजधानी जयपुर में 5 स्थानों पर आईटीएमएस कैमरे भी लगे हुए हैं. यह कैमरे ना केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को आईडेंटिफाई करने का काम करते हैं बल्कि यदि किसी वाहन में कोई शातिर बदमाश बैठा है तो उसे भी आईडेंटिफाई कर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देते हैं.