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Special: ट्रैफिक कंट्रोल या अपराधियों पर कसना हो शिकंजा...'तीसरी आंख' पर पुलिस को भरोसा

तकनीकी स्तर पर देश दिनों-दिन मजबूत होता जा रहा है. सरकारी दफ्तरों में भी हाईटेक तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है. पुलिस विभाग भी अपराध पर नियंत्रण रखने के लिए विभिन्न यंत्रों और तकनीकों का प्रयोग कर रहा है. वारदात स्थल पर लोगों से पूछताछ करने के साथ ही पुलिस सीसीटीवी फुटेज जरूर देखती है. चोरी, डकैती, लूट, मारपीट आदि घटनाओं में सीसीटीवी फुटेज बेहद मददगार साबित होते हैं. यही वजह है कि सीसीटीवी कैमरे पुलिस के सबसे भरोसेमंद दोस्त हो गए हैं.

CCTV cameras are proving helpful for the police
पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे सीसीटीवी कैमरे

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Published : Oct 23, 2020, 10:07 PM IST

जयपुर.टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में सभी अपने आप को अपग्रेड कर रहे हैं. टेक्नोलॉजी के इस दौर में बदमाश भी हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं. मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर पूर्व में पुलिस बदमाशों को दबोच लिया करती थी लेकिन अब बदमाश भी इस तकनीक को समझ चुके हैं. ऐसे में अब बदमाशों को ढूंढने और उनकी पहचान करने के लिए शहर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए एक विश्वसनीय दोस्त के रूप में काम कर रहे हैं. यही कारण है कि राजधानी जयपुर में घटित होने वाली संगीन वारदातों को सुलझाने में सीसीटीवी कैमरों का अहम रोल रहता है.

पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे सीसीटीवी कैमरे

एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश का कहना है कि वर्तमान में राजधानी जयपुर में अभय कमांड सेंटर से 700 सीसीटीवी कैमरे कनेक्ट हैं. भविष्य में और भी सीसीटीवी कैमरे को अभय कमांड सेंटर से जोड़ने का काम चल रहा है. राजधानी के तमाम प्रमुख चौराहों और तिराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे शहर को आराम से कवर किया जाता है और हर तरह की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाती है. चाहे बात यातायात संचालन की हो या फिर कानून व्यवस्था की इन कैमरों के माध्यम से जयपुर पुलिस द्वारा हर तरह की स्थिति को मॉनिटर किया जाता है.

कंट्रोल रूम से रखी जाती है निगाह

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चेतक गाड़ी में भी इंस्टॉल है हाईरेजोल्यूशन कैमरे

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के बाड़े में गत माह पूर्व ही 63 अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त चेतक गाड़ियों को शामिल किया गया है प्रत्येक चेतक गाड़ी में हाई रेजोल्यूशन के दो कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। जिसमें एक कैमरा गाड़ी के डैशबोर्ड में तो वहीं दूसरा कैमरा गाड़ी की छत पर लगाया गया है. यह कैमरे सीधा अभय कमांड सेंटर से कनेक्ट रहते हैं और जहां से भी चेतक वाहन गुजरता है, उसके आसपास की प्रत्येक घटनाओं को अभय कमांड सेंटर की बड़ी स्क्रीन पर लाइव देखा जा सकता है.

हर प्रमुख चौराहों पर लगे हैं सीसीटीवी

इसके साथ ही राजधानी जयपुर में 5 स्थानों पर आईटीएमएस कैमरे भी लगे हुए हैं. यह कैमरे ना केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को आईडेंटिफाई करने का काम करते हैं बल्कि यदि किसी वाहन में कोई शातिर बदमाश बैठा है तो उसे भी आईडेंटिफाई कर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देते हैं.

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मौके की स्थिति पर नजर रखने से निर्णय लेने में होती है आसानी

राजधानी जयपुर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ही पुलिस को मौके की वास्तविक स्थिति का पता चलता है. इसके साथ ही यह सीसीटीवी कैमरे ऊंचाई पर लगे होने के कारण 'बर्ड्स आई व्यू' भी देते हैं. इससे काफी दूर तक के क्षेत्र में हो रही गतिविधियों को आसानी से देखा जा सकता है. इसके चलते भीड़ का स्वरूप और वहीं की गतिविधियों का सटीक चित्रण मिलता है. इसके चलते पुलिस के आला अधिकारी बड़ी आसानी से स्थिति को भांप कर निर्णय ले सकते हैं.

मकान और दुकान के बाहर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों को भी अभय कमांड सेंटर से जोड़ने की तैयारी

शहर में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए जयपुर पुलिस की ओर से विभिन्न कॉलोनी और सोसाइटी में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे, बाजार में दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी और विभिन्न वाणिज्य संस्थाओं के बाहर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे को भी अभय कमांड सेंटर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इन तमाम सीसीटीवी कैमरों को अभय कमांड सेंटर से जोड़ने के बाद जयपुर पुलिस का दायरा हर गली और मोहल्लों तक बढ़ जाएगा जिसका फायदा जयपुर पुलिस को अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मिलेगा.

पुलिस के आला अधिकारियों का भी कहना है कि सीसीटीवी कैमरा एक विश्वसनीय साथी है जिसने जरूरत पड़ने पर आज तक कभी भी पुलिस को निराश नहीं किया है. अपराधियों का कोई न कोई सुराग सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पुलिस को अवश्य मिल जाता है जिससे आरोपी तक पहुंचने में मदद मिलती है.

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