जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना वैक्सीन की कीमत केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और निजी अस्पतालों के लिए अलग-अलग रखने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है. अदालत ने कहा कि समान प्रकृति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. ऐसे में हाईकोर्ट मामले में दखल नहीं दे सकता. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले में पक्षकार बन सकते हैं.
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याचिका में कहा गया था कि कोरोना वैक्सीन के नाम पर इसकी निर्माता कंपनियां मुनाफा वसूल कर रही हैं. एक ही वैक्सीन की कीमत केन्द्र सरकार के लिए अलग और राज्य सरकार के लिए अलग तय की गई है. वहीं निजी अस्पतालों को कई गुणा अधिक कीमत पर यह वैक्सीन बेची जा रही है. जबकि केन्द्र सरकार को शक्ति है कि वह वैक्सीन निर्माताओं को कीमत कम और एक समान रखने के लिए पाबंद कर सकती है.
कोरोना वार्डों के सुचारु संचालन के लिए निजी अस्पतालों का क्यों नहीं किया अधिग्रहण: हाईकोर्ट
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि निजी अस्पतालों के कोरोना वार्ड का सुचारु रूप से संचालन करने के लिए इनका अधिग्रहण क्यों नहीं किया जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह नोटिस फाइट फॉर राइट एनजीओ की जनहित याचिका पर दिया है.