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Published : Jan 12, 2021, 7:39 PM IST

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व्यापार में सरलीकरण की सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: परसादी लाल मीणा

उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में चुनौतियां विषय पर मंगलवार को फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा वेबिनार आयोजित किया गया. वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार ईओडीबी की सुविधा उपलब्ध कराने और उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करने को लेकर प्रतिबद्ध है.

Parsadi Lal Meena, cheap electricity available to industries
व्यापार में सरलीकरण की सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

जयपुर. उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में चुनौतियां विषय पर मंगलवार को फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा वेबिनार आयोजित किया गया. वेबिनार में मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा रहे. इस दौरान उन्होंने वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ईओडीबी की सुविधा (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) उपलब्ध कराने और उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करने को लेकर प्रतिबद्ध है.

वेबिनार में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा का संबोधन

उन्होंने बताया कि हम ओपन एक्सेस को किफायती बनाने पर विचार कर रहे हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया है, जिसमें 14 विभाग के अधिकारी उद्योगों से संबंधित 100 विभिन्न क्षेत्रों में अनुमति प्रदान कर रहे हैं. विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने के बजाय एमएसएमई राज पोर्टल के माध्यम से आसानी से स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं. उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने जानकारी देते हुए कहा कि 2019-2020 के दौरान, रीको को ई-ऑक्शन के माध्यम से औद्योगिक भूखंडों की नीलामी से 1400 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है.

राजस्थान उर्जा विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता ने वेबिनार में कहा कि बिजली की लागत उद्योगों की समग्र लागत का एक प्रमुख निवेश है. बिजली की लागत उद्योगों की संपूर्ण लागत में एक प्रमुख इनपुट है. विद्युत डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति के कारण अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बिजली की लागत अधिक है, जो कि राज्य के कन्ज्यूमर मिक्स से जुड़ा हुआ है. रोहित गुप्ता ने कहा कि विभाग संपूर्ण खरीद लागत को कम करने के लिए छूट का उपयोग, जनरेटर को समय पर भुगतान करना, थर्मल प्लांटों की परिचालन दक्षता आदि जैसे क्षेत्रों पर गौर करने की योजना बना रहा है.

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बिजनेस डेवलपमेंट एंड एसवीपी, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के हेड रोहित बजाज ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में ओपन एक्सेस के लिए अत्यधिक क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज, 24-घंटे शिड्यूलिंग प्रतिबंध, न्यूनतम 8 घंटे की यूनिफॉर्म शिड्यूलिंग, ओपन एक्सेस का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम 1 मेगावाट अनुबंध की मांग जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. उन्होंने कहा कि उद्योग से अधिक वर्षों के लिए दीर्घकालिक, मध्यम अवधि 1 वर्ष से 5 वर्ष तक, 1 वर्ष तक के लिए अल्पावधि जैसे बिजली खरीद के विकल्पों का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि सबसे पसंदीदा विकल्प पावर एक्सचेंज है, जो अत्यधिक लिक्विड और पारदर्शी बाजार है.

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