जयपुर. आदिवासी क्षेत्र के ग्राम कागदर के रहने वाले 25 वर्षीय पंकज ने बचपन में अपने दोनो हाथ खो दिये थे. खेत में बिजली के तारों से करंट लगने के कारण उसके दोनों हाथ छिन गए थे. इस हादसे के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. लेकिन पंकज ने हिम्मत नहीं हारी और दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की.
पंकज 19 जुलाई को मदद की आस लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था. यहां अधिकारियों ने उसकी पीड़ा सुनी और देखा कि दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद उसने अपनी मेहनत और लगन से दसवीं तक पढ़ाई की है. तो अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को इस प्रकरण से अवगत कराया.
मुख्यमंत्री ने इस पर तत्काल प्रभाव से पंकज के कृत्रिम हाथ लगवाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने त्वरित प्रभाव से कार्यवाही करते हुए भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के माध्यम से पंकज के दोनों कृत्रिम हाथ निशुल्क लगवाए. मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता और सदाशयता के चलते 20 जुलाई को ही पंकज के दोनों कृत्रिम हाथ लग गए और पंकज को बड़ी राहत मिली.
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कृत्रिम हाथ लगने के बाद पंकज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त किया उसने कहा कि अब तक वह अपने दोनों हाथ नहीं होने की वजह से दूसरों पर आश्रित था, लेकिन कृत्रिम हाथ लगने के बाद अब वह अपना काम खुद कर सकेगा.