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राजस्थान की आउट ऑफ टर्म पॉलिसी - खेलते रहें, अभ्यास करते रहें खिलाड़ी, न छुट्टियां कटेंगी न ड्यूटी

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Published : May 14, 2022, 2:00 PM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार आउट ऑफ टर्म पॉलिसी के तहत नियुक्त किए गए खिलाड़ियों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने और प्रतिदिन खेल अभ्यास के लिए खिलाड़ियों को ड्यूटी टाइम में छूट मिलेगी(Gehlot Govt will give special time and holidays for play and practice ). सरकार इन खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में भाग लेने और अभ्यास के समय को भी ऑन ड्यूटी में शामिल करने जा रही है. अब तक प्रोबेशन पीरियड में होने की वजह से इन खिलाड़ियों को छुट्टियों का लाभ नहीं मिल रहा था.

out of term policy for Rajasthan Players
खेलते रहें, अभ्यास करते रहें खिलाड़ी

जयपुर.प्रदेश की गहलोत सरकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के सर्विस रूल्स में बदलाव करने जा रही है. इसके लिए ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. मुख्यमंत्री से इस प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह में कार्मिक विभाग इसकी घोषणा कर दे. इस ड्राफ्ट में आउट ऑफ टर्म पॉलिसी के तहत नियुक्त किए गए खिलाड़ियों को बड़ी राहत देने की तैयारी है. अलग-अलग खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने और प्रतिदिन खेल अभ्यास के लिए व्यतीत समय को सरकार खिलाड़ियों के ऑन ड्यूटी (Gehlot Govt will give special time and holidays for play and practice) में शामिल करने जा रही है. अब तक प्रोबेशन पीरियड में होने की वजह से इन खिलाड़ियों को छुट्टियों का लाभ नहीं मिल रहा था. ड्राफ्ट में कहा गया है कि खिलाड़ी को अभ्यास के लिए आधे दिन के कार्य दिवस की छूट मिले. साथ ही खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए एयर फेयर की सुविधा और समय-समय पर इंक्रीमेंट का लाभ भी मिले.

खेलते रहें, अभ्यास करते रहें खिलाड़ी

खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस डाउन - दरअसल, प्रदेश की गहलोत सरकार ने सत्ता में आने के बाद 182 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों के विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ़ टर्न नौकरी दी है. सभी खिलाड़ियों ने नियुक्ति भी ले ली, लेकिन नियुक्ति के साथ ही इन खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस डाउन(performance down of Rajasthan Players) होने लगी है. खिलाड़ियों को नई नौकरी जॉइन करने के बाद से दो साल के प्रोबेशन टाइम में छुट्टियां नहीं मिल पा रही हैं, जिसके चलते वो अपना नियमित अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं. ये खिलाड़ी किसी प्रतियोगिता में हिस्सा भी नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि उन्हें छुट्टियां नहीं मिल रही हैं. हालात ये हैं कि जो खिलाड़ी एशियन गेम्स में मेडल जीत चुके हैं, वो अब डाउन परफॉर्मेंस की वजह से सलेक्ट तक नहीं हुए.

182 खिलाड़ियों को मिली राजस्थान में नौकरी -गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी है. ग्रेड-ए में 13, ग्रेड-बी में 23 और ग्रेड-सी में 146 खिलाड़ियों को नियुक्ति दी गई है. बता दें, राजस्थान में गहलोत सरकार ने आउट ऑफ टर्न-2016 की पॉलिसी में संशोधन करते हुए मेडल के आधार पर खिलाड़ियों को नौकरी देने का निर्णय लिया था. इसको लेकर कैटेगरी भी तय की गई थी. अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी पाने वाले वाले 446 खिलाड़ियों को शामिल किया गया था. जिनमें से 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी गई है.

ये हैं विभिन्न श्रेणियां-

  • A कैटेगरी में ओलंपिक, पैरा ओलंपिक के पदक विजेता, वर्ल्ड कप, चैंपियनशिप में विजेता या उपविजेता को रखा गया है.
  • B कैटेगरी में एशियन चैंपियनशिप के पदक विजेता और साउथ एशियन गेम्स में पदक विजेता को रखा गया है.
  • C कैटेगरी में नेशनल गेम्स और नेशनल पैरा गेम्स के पदक विजेता और रणजी ट्रॉफी के विजेता को शामिल किया गया है.

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