जयपुर. राजधानी जयपुर की लाइफलाइन कही जाने वाली मिनी बस एक बार फिर राजधानी जयपुर में संचालित होना शुरू हो गई है. शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चल रही 15 साल से पुरानी कबाड़ा मिनी बसों को अब परिवहन विभाग बंद भी करने जा रहा है. इन बसों को अब विभाग की ओर से दोबारा फिटनेस कराने पर परमिट नहीं दिया जाएगा. बता दें कि परिवहन विभाग के द्वारा शुरुआती जांच में 2200 मिनी बसों में से 260 बसों को नोटिस देकर जवाब भी मांगा गया था.
31 दिसंबर तक 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों की जारी हो सकेगी एनओसी विभाग के आंकड़ों की मानें तो करीब 260 बसें राजधानी जयपुर में गैरकानूनी तरीके से चल रही है, जो 15 साल से पुरानी हो गई है. इन्हें अब आरटीओ की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है. बता दें कि जयपुर आरटीओ राजेंद्र वर्मा के द्वारा एनजीटी के आदेश के अनुसार एक आदेश जारी किया गया है. इसके तहत 31 दिसंबर 2005 से पुराने पंजीकृत वाहन जिनका दोबारा पंजीयन नहीं कराया गया है, उनका पंजीयन 31 दिसंबर 2020 तक किया जाएगा. ऐसे में यदि कोई इनका पंजीयन नहीं कराता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
जयपुर आरटीओ के द्वारा कुल 17200 यात्री एवं बड़े वाहन चलन से बाहर किए जाने के लिए यह आदेश जारी किया गया है. जयपुर आरटीओ राजेंद्र वर्मा ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीयन कराए संचालित करते हुए वाहन पाया गया तो, ऐसे वाहनों को जब्त करते हुए वाहन स्वामी और वाहन चालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. इसमें 5000 रुपए तक का जुर्माना और एक साल तक की सजा देने का प्रावधान भी है.
यह भी पढ़ें-प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के लिए अब दिल्ली में होगी अंतिम दौर की चर्चा, बीकानेर से डोटासरा भी हुए रवाना
वर्मा ने बताया कि राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए एनओसी 31 दिसंबर 2020 तक जारी की जाएगी, ताकि वाहन जयपुर शहर के बाद संचालन के लिए उपयोग में लिया जा सके. सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के आदेशों के बाद एनओसी लेने की यह अवधि बढ़ाई गई है. एनसीआर क्षेत्र में 10 साल पुराने सभी वाहनों पर रोक है. इसके साथ ही राजधानी जयपुर सहित पांच शहरों में 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है, लेकिन अब इनको दूसरे शहरों में ट्रांसफर कराने के लिए इनकी अवधि को बढ़ाकर 31 दिसंबर भी कर दिया है.