जयपुर. आमागढ़ में ध्वजा फहराने के बाद हिरासत में लिए गए राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल लाल मीणा को आखिरकार पुलिस ने रिहा कर दिया. रिहा होने के बाद मीणा अपने समर्थकों के साथ गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए.
हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि वे अपने समर्थकों के साथ कहां गए हैं. उनके पीछे-पीछे पुलिस की गाड़ियां भी रवाना हुई. मीणा 6:30 बजे आमागढ़ दुर्ग पहुंचे थे. उन्हें करीब 6 घंटे बाद रिहा किया गया.
रिहा होने के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मीडिया से हुए मुखातिब रिहा होने के बाद मीडिया से रूबरू होने होते हुए सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि भारी पुलिस जाप्ता और त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भी हम लोग आमागढ़ दुर्ग में पहुंच गए और वहां झंडा लगा दिया. मीणा ने कहा कि हमें डर है जो झंडा लगाया गया है, उसे प्रशासन हटा न दे. इसके लिए पुलिस कमिश्नर से भी आग्रह किया गया है कि जो झंडा लगाया है उसे उतारा न जाए.
उन्होंने कहा कि मीणा शासकों ने आमागढ़ में शिव मंदिर बनवाया था और उस मंदिर में मीणा समाज के पुजारी पूजा करना चाहते हैं. लेकिन सरकार ने उस मंदिर में ताला लगा दिया और चाबी अपने हाथ में ले ली है. मीणा ने सरकार से चाबी देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि अभी सावन मास चल रहा है और हम सावन में महादेव की पूजा करना चाहते हैं.
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सावन मास होने के बावजूद महादेव ताले में बंद हैं. झंडा लगाने के बाद हमें भी मंदिर में पूजा नहीं करने दी गई. यह दुर्भाग्य की बात है कि महादेव का भक्त मंदिर में पूजा नहीं कर सकता. मीणा ने मंदिर में पूजा करने की अनुमति मांगी. किरोड़ी लाल मीणा ने मांग की कि जिन दो विधायकों रामकेश मीणा और स्थानीय विधायक रफीक खान ने माहौल बिगाड़ने का काम किया उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.
समर्थकों से घिरे किरोड़ी लाल मीणा मीणा ने यहां तक कहा कि यह तो बात संभल गई अन्यथा सांप्रदायिक दंगे हो जाते. मीणा समाज को बांटने और हिंदू और मुसलमान को लड़ाने की यह साजिश थी. मीणा ने कहा कि आमागढ़ के साथ-साथ खोहगंग की ऐतिहासिक धरोहर पर भी असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया है. वहाँ बावड़ी, छतरियों, किलों के हिस्सों और उसमें बने मंदिरों में तोड़फोड़ कर कब्जा किया गया है. उसे भी हटाया जाए. वहां 88 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किया हुआ है.
मीणा ने सरकार को चेतावनी दी है कि खोहगंग से कब्जे नही हटे तो हमारा अगला आंदोलन खोहगंग में होगा. आमागढ़ तलाई में मीणा शासक दिवाली पर पितृ तर्पण करते थे. वहां भी कब्जा किया हुआ है. जिन असामाजिक तत्वों ने वहां तोड़फोड़ की है, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
किरोड़ी लाल मीणा ने अपने समर्थकों से अपील की कि यहां कानून का राज है. यह गांधी का देश है. यहां कानून हाथ में न लें. गांधीवादी तरीके से आंदोलन करें, ताकि आम जनता को परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि सरकार और सरकार के विधायकों से गलती हुई है. यह सब सरकार को देखना चाहिए. सरकार उनको नहीं देखेगी तो हम लोगों को फिर से सड़क पर आना पड़ेगा.
महिलाओं ने गीत गाकर की किरोड़ी की रिहाई की मांग किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वे रात को 2:30 बजे आमागढ़ पर ध्वज फहराने के लिए निकले थे. उनके साथ उनके नौ समर्थक भी थे. मीणा अपने समर्थकों के साथ बीहड़ों में 7 किलोमीटर पैदल चले और उसके बाद आमागढ़ पहुंचे. आमागढ़ पहुंचकर उन्होंने वहां मीणा समाज का झंडा फहराया.
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गहलोत सरकार की इंटेलिजेंसी को फ़ेल बताने के सवाल पर मीणा ने कहा कि यह इंटेलिजेंसी का मामला नहीं है. यह भावनाओं का मामला है. भावनाओं पर पाबंदी लगाने के लिए कैसी भी व्यवस्था कर लें, भावनाएं बाहर निकल जाती है. यह व्यवस्था अयोध्या में भी की गई थी लेकिन लोग ढांचे तक पहुंच गए थे.
हालांकि पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि किरोड़ी लाल मीणा को गिरफ्तार किया गया था. मुकदमा दर्ज होने के सवाल पर भी पुलिस ने कहा कि वे शाम तक अपडेट देंगे कि मीणा के खिलाफ पर मुकदमा दर्ज होता है या नहीं. मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव विद्याधर नगर थाने पहुंचे. उनके विद्याधर नगर थाने पहुंचने के 10 मिनट बाद भी किरोड़ी लाल मीणा को रिहा कर दिया गया.
किरोड़ी के समर्थकों का प्रदर्शन थाने से बाहर आने के बाद किरोड़ी के समर्थकों ने उन्हें घेर लिया. पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर जाना चाहती थी. लेकिन समर्थकों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और उस पर चढ़ गए. समर्थकों की जिद आगे पुलिस को झुकना पड़ा और किरोड़ी लाल मीणा पुलिस की गाड़ी से बाहर निकल आए. समर्थकों ने पुलिस को साफ मना कर दिया कि उन्हें पुलिस पर विश्वास नहीं है, इसलिए वह किरोड़ी लाल मीणा को अपने साथ अपनी गाड़ी में ले जाना चाहते हैं. काफी मशक्कत के बाद मीणा भी मान गए और वे समर्थकों के साथ उनकी गाड़ी में बैठकर विद्याधर नगर थाने से रवाना हो गए.
किरोड़ी लाल मीणा की को हिरासत में लेने के बाद कुछ समर्थक सुबह ही विद्याधर नगर थाने पहुंच गए थे. लेकिन उन्हें थाने में मीणा से मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद समर्थक वहीं रोड पर बैठ गए. जैसे-जैसे मीणा को गिरफ्तार करने की सूचना समर्थकों को मिली वहां समर्थकों की संख्या बढ़ने लगी. समर्थकों ने रोड पर बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और किरोड़ी लाल मीणा को छोड़ने की मांग की.
समर्थकों ने विद्याधार नगर थाने के बाहर रोड पर गहलोत का पुतला भी फूंका. मौके पर ग्रामीण से महिलाएं भी मीणा को छुड़ाने के लिए पहुंची और लोकगीत गाकर उन्होंने मीणा को छोड़ने की मांग की. मीणा की हिरासत के बाद एक मेडिकल टीम ने उनका मेडिकल जांच की और दवाईयां और खाना भी घर से मंगाया गया.