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सफाई कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन मामले में दर्ज हुए मुकदमों पर भड़के सांसद मीणा, CM गहलोत को लिखा पत्र

जयपुर में सफाई कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन मामले में दर्ज किए गए मुकदमों पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा भड़क गए हैं. सांसद मीणा ने मामले में सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.

Kirodi Lal Meena wrote a letter to Gehlot,  Rajasthan News
मीणा ने गहलोत को लिखा पत्र

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Published : Jul 13, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 9:36 PM IST

जयपुर.नगर निगम ग्रेटर के सफाई कर्मचारियों के साथ किए गए विरोध प्रदर्शन के मामले में दर्ज मुकदमों पर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (MP Kirodi Lal Meena) भड़क गए हैं. उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दृश्यता से कार्रवाई करने का आरोप लगाया. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मुकदमे का अनुकूलता पूर्वक निस्तारण करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की.

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मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सांसद किरोड़ी लाल मीणा (MP Kirodi Lal Meena) ने लिखा कि सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण और बकाया वेतन का एरियर दिए जाने और सफाई कर्मचारी संघ का चुनाव कराने की मांग काफी लंबे समय से लंबित चल रही थी. इसी मांग को लेकर कई सफाई कर्मचारी नगर निगम कार्यालय कैंपस में एकत्रित हुए, जिन्हें प्रशासन की ओर से बाहर निकाल दिया गया.

उनकी मांगों के समर्थन में मैं भी ग्रेटर नगर निगम कार्यालय पहुंच गया, जहां पुलिस ने नगर निगम कार्यालय में घुसने से रोक दिया. इसके कारण टोंक रोड पर नगर निगम कार्यालय के सामने खड़ा रहना पड़ा. किरोड़ी लाल मीणा (MP Kirodi Lal Meena) ने लिखा कि उस समय यातायात में हमने किसी प्रकार का व्यवधान नहीं डाला. कुछ समय नगर निगम कार्यालय के बाहर रूकने के बाद स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने हमें अंदर बुला लिया और समझौता वार्ता के बाद सभी सफाई कर्मचारी तितर-बितर हो गए.

मीणा ने कहा कि राजनीतिक दबाव में पुलिस की ओर से ज्योति नगर थाने में FIR दर्ज कर मेरे सहित अनेक सफाई कर्मियों को नामजद किया है, जबकि उसी दौरान 7 जुलाई से 13 जुलाई तक पूरे राज्य में महंगाई (Inflation) के विरोध में सत्ताधारी दल कांग्रेस (Rajasthan Congress) के बड़े नेता भीड़ में धरना प्रदर्शन कर धारा 144 का उल्लंघन कर रहे हैं और कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) की पालना भी नहीं कर रहे. ऐसे में उनके खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं की गई. जबकि वो सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता और नेता थे. जबकि हमने मौखिक अनुमति लेने के बाद लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को निगम अधिकारियों के समक्ष रखा था और सभी ने मास्क भी लगा रखा था.

Last Updated : Jul 13, 2021, 9:36 PM IST

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