जयपुर.कोरोना की दूसरी लहर के बीच संक्रमण को लेकर उपजे हालातों में अब थोड़ा सुधार होने लगा है. प्रदेश में 10 मई से लगे सख्त लॉक डाउन के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. पिछले 15 दिन में कोरोना संक्रमण की चेन टूटने लगी है. प्रदेश में जहां 15 दिन पहले आंकड़े 17 हजार के ऊपर पहुंच गए थे तो वहीं बाद के 15 दिनों में यह 34 हजार से नीचे देखे जा रहे हैं, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल में जरा सी भी ढिलाई भारी पड़ सकती है.
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब प्रदेश के ताजा आंकड़े कुछ राहत भरे हैं. प्रदेश में लगे सख्त लॉक डाउन से संक्रमित मरीजों संख्या में कमी आ रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार करीब साढ़े तीन हजार संक्रमित और मौतों का आंकड़ा 100 के करीब आ गया है. कुल मिलाकर अब कोरोना की दूसरी लहर अपने ढलान पर है. मंगलवार को 3404 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 105 लोगों की मौत हुई है.
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दूसरी लहर में 40 दिन बाद इतने कम मरीज मिले हैं. पांच दिन में संक्रमण दर में 13 फीसदी कमी आई है. पहली लहर के दौरान भी 30 नवंबर को सर्वाधिक 745 केस मिले थे. इसके बाद आंकड़ा लगातार गिरा रहा है. अप्रैल में आई दूसरी लहर में अब तक एक दिन में सर्वाधिक 4902 पॉजिटिव केस 7 मई को मिले थे. इसके बाद आंकड़ा घटता-बढ़ता गया. 10 मई के आस-पास तो आंंकड़ा 17 हजार के करीब पहुंच गया था. संक्रमण खतरे के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील की थी कि सरकार सख्त कानूनी कदम उठा सकती है, लेकिन उसकी पालना करना जनता के हाथ है. जब तक लोग समझेंगे नहीं तब तक सरकार के प्रयासों का कोई लाभ नहीं होगा.
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कोरोना की संक्रमण दर कम होने का असर अब अस्पतालों में दिखने लगा है. 10-15 दिन पहले शहर के किसी भी सरकारी और निजी अस्पतालों में कहीं जगह नहीं थी. अब जनरल और ऑक्सीजन बेड खाली मिल रहे हैं. हालांकि आईसीयू और वेंटिलेटर का संकट अभी भी बरकरार है. डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमित मरीजों की संख्या में अभी कमी होना शुरू हुई है. इसका असर आने वाले दो-तीन सप्ताह में दिखेगा. उम्मीद है कि जल्द ही वेंटिलेटर और आईसीयू भी खाली हो जाएंगे.
राजधानी में 25 हजार एक्टिव केस में से करीब 19500 मरीज घरों में आइसोलेट हैं और करीब 4 से 5 हजार मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. अस्पतालों में जनरल, ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटीलेटर बेड 8823 हैं जिनमें 4362 खाली हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि केस कम होना राहत की बात है लेकिन हम अभी पूरी तरह निश्चिंत नहीं हो सकते हैं. इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल की पालना जरूरी है, नहीं सारे किए कराए पर पानी फिर जाएगा.