जयपुर. प्रदेश में एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. जहां केंद्र और राज्य सरकार लगातार आमने-सामने हो रही है, तो वहीं, अब दूसरी ओर एयरपोर्ट अथॉरिटी एंप्लाइज यूनियन की तरफ से भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया है. बता दें कि, एयरपोर्ट अथॉरिटी एंप्लाइज यूनियन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने का समय देने के लिए यह पत्र लिखा गया है.
एयरपोर्ट के निजीकरण पर बढ़ रहा विरोध यूनियन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने इसकी जानकारी भी दी है. रविंद्र सिंह ने बताया कि जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण का विरोध एयरपोर्ट अथॉरिटी एंप्लाइज यूनियन की ओर से किया जा रहा है. रविंद्र ने बताया कि एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने से ही यात्रियों के लिए सुविधा काफी महंगी हो जाएगी. वहीं, आमजन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसके साथ ही राज्य सरकार भी निजीकरण को लेकर लगातार विरोध कर रही है.
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बता दें कि राज्य सरकार की बिना अनुमति के एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने पर विरोध किया जा रहा है. इसके साथ ही जयपुर एयरपोर्ट एंप्लाइज यूनियन के महासचिव रविंद्र का कहना है कि केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण कर अडानी समूह को दे दिया है. साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा कि एयरपोर्ट राजस्थान राज्य का सबसे प्रमुख और बड़ा एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट सार्वजनिक संपत्ति है. सस्ती दरों पर जनता को सेवा प्रदान करना एयरपोर्ट का कार्य है.
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निजीकरण के बाद राज्य के नागरिकों को महंगी दरों पर हवाई यात्रा करनी पड़ेगी. रविंद्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस संबंध में संज्ञान लेने के साथ ही जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण के संबंध में राज्य सरकार से मिलने की बात भी कही है. एयरपोर्ट के लिए जमीन राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई थी. इस संबंध में आगे की कार्रवाई पर चर्चा के लिए जयपुर एयरपोर्ट कर्मचारी यूनियन का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यूनियन को समय दें और उनके साथ एयरपोर्ट निजीकरण को लेकर बातचीत भी करें.