जयपुर. प्रदेश के गहलोत सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर कांग्रेस और उसके नेता अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं तो विपक्ष के रूप में भाजपा सरकार की नाकामियां गिनाने का काम कर रही है. लेकिन विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया को बीते 1 साल में गहलोत सरकार का एक मात्र ईबीसी आरक्षण में आ रही अंचल संपत्ति से जुड़ी बाध्यता हटाने का निर्णय पसंद आया है. नेता प्रतिपक्ष ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान यह बात कही.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश सरकार से मांगे इन सवालों के जवाब, देखिए खास रिपोर्ट कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार की अगर ईबीसी आरक्षण के एक निर्णय को छोड़ दे तो बाकी कोई काम सरकार में ऐसा नहीं हुआ जिसे कांग्रेस उपलब्धियों के नाम पर गिना सके. वहीं, इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार से कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं.
पढ़ें- गहलोत 'राज' के 1 साल: सरकार को घेरने में BJP भी नहीं रही पीछे, लेकिन मिले ये जख्म
सरकार से कटारिया ने इन सवालों के मांगे जवाब
कर्जमाफी
कटारिया के अनुसार 10 दिनों में किसानों की कर्ज माफी का वादा करने वाली गहलोत सरकार यह बता दें कि किस जिले में कितने किसानों को इसका फायदा मिला और कितनी राशि कर्ज माफी के तहत उनकी माफ की गई. साथ ही यह कर्ज माफी के बाद उन किसानों को रिलोनिंग हुई या नहीं क्योंकि रिलोनिंग नहीं होने के कारण प्रदेश के अधिकतर किसान फसल बीमा का लाभ नहीं उठा पाए. कटारिया ने कहा कि इस संबंध में जिलेवार सूची सरकार को जारी करना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश सरकार से मांगे इन सवालों के जवाब, देखिए खास रिपोर्ट बेरोजगार भत्ता
कटारिया के अनुसार चुनाव से पहले प्रदेश के बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा करने वाली सरकार ने अब तक कितने बेरोजगारों को यह भत्ता जारी किया, इसकी जानकारी भी सरकार सार्वजनिक करे. उन्होंने कहा कि सरकार यह भी बताए कि न्यू योजना के तहत कितने बेरोजगारों को इसका फायदा मिला. साथ ही सरकार को इस की जिलेवार सूची जारी करना चाहिए.
बिजली के बिल क्यों बढ़ाए
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मौजूदा सरकार ने वादा किया था कि वह बिजली की दरें नहीं बढ़ाएगी, लेकिन फ्यूल चार्जेस के नाम पर अब तक 65 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरें बढ़ाई गई है इसका भी जवाब सरकार को देना चाहिए.
पढ़ें- गहलोत 'राज' 1 साल: राजस्थान में कैसा रहा चिकित्सा विभाग का ये साल, देखिए स्पेशल रिपोर्ट
क्यों नहीं दिखता विकास का काम
कटारिया ने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन में इस सरकार की सबसे बड़ी नाकामी विकास का कोई काम नहीं करवाना है. उन्होंने कहा कि कई किलोमीटर तक सड़कों पर चलने के बावजूद सरकार के स्तर पर विकास का कोई काम होता नहीं दिखता है. इस बात का सबूत है कि प्रदेश की आर्थिक हालात बेहद खराब है और उसमें सुधार के लिए मौजूदा सरकार ने कुछ भी नहीं किया. इसका भी जवाब गहलोत सरकार को 1 साल की सालगिरह पर देना चाहिए.
बिगड़ी कानून व्यवस्था
कटारिया ने प्रदेश में बीते 1 साल में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी कमजोर होने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि बीते 1 साल में राजस्थान महिला अत्याचार के मामले में देश में दूसरे नंबर पर आ गया तो वहीं बालिका अत्याचार में पहले, आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार में भी पहले नंबर पर आ गया है. कटरिया के अनुसार प्रदेश में बीते 1 साल में महिला अपराध 65 फीसदी बढ़ी है. वहीं, आईपीसी के अपराधों में 44 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में मौजूदा गहलोत सरकार की उपलब्धि मैं कहां से गिनाऊं.