जयपुर. अनुच्छेद 370 हटाने से नाराज होकर अपना इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अपनी बात रखी. पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए, एपीआर और एनआरसी को लेकर देश में माहौल खराब हो रहा है. एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत बढ़ाई जा रही है.
कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान पर डायरेक्ट अटैक जैसा है. यह अच्छी बात है कि देश में इस कानून को लेकर विरोध किया जा रहा है. लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं.
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जो लोग नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल उठा रहे हैं, उनको दबाने की कोशिश की जा रही है. जो लोग सवाल उठा रहे हैं, उलट उन्हीं की गलतियां निकाल कर उनको चुप कराया जा रहा है. सवाल उठाने वाले लोगों को नक्सली, माओवादी बताया जा रहा है. यदि कोई मुसलमान आवाज उठाता है, तो उसको आतंकवादी करार दे दिया जाता है और यदि हिन्दू सवाल उठाता है तो उसे देशद्रोही बता दिया जाता है.
कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए और एनसीआर को लेकर यदि मीडिया भी कोई सवाल उठाता है, तो उससे भी दबाने की कोशिश की जा रही है. उनको एडवर्टाइजमेंट और सर्कुलेशन को लेकर के डराया जा रहा है. कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए में जो तीन देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के नामों पर भी आपत्ति जताई है.