जयपुर. कालीचरण सराफ ने पत्र में लिखा कि मरीजों की संख्या में दर्ज हो रही कमी के कारण राज्य सरकार ने जयपुरिया अस्पताल में कोविड मरीजों हेतु 100 बेड्स आरक्षित कर, शेष अन्य मरीजों के लिए रखकर उसे आंशिक रूप से कोविड फ्री करने के आदेश जारी किए हैं. लेकिन पूर्ण रूप से कोविड मुक्त नहीं किए जाने से लोगों में संक्रमण का डर व शंका बनी रहेगी. जिससे अन्य बीमारियों के मरीज संकोचवश इलाज के लिए यहां आने से कतराएंगे.
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जयपुर की मालवीय नगर, सांगानेर, बगरू विधानसभा क्षेत्र के सामान्य मरीजों के लिए जयपुरिया अस्पताल एक मात्र सरकारी अस्पताल है, जहां मरीजों के लिए आधुनिक तकनीक की सस्ती, सुलभ व उच्चतम इलाज सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसी कारण कोरोना काल से पहले आउटडोर में प्रतिदिन इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 3 हजार हुआ करती थी, जो कि कोविड आरक्षित किए जाने के बाद लगभग नगण्य रह गई है.
सराफ ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुरिया अस्पताल के 28 बेड्स वाले कोविड आरक्षित वार्ड में अभी केवल एक कोविड मरीज भर्ती हैं, जबकि आरयूएचएस सहित अन्य कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में अतिरिक्त संख्या में खाली बेड्स उपलब्ध हैं. जहां उस मरीज को शिफ्ट किया जा सकता है. सराफ ने कोविड की वर्तमान परिस्थितियों एवं मरीजों की संख्या में सुखद रूप से लगातार हो रही गिरावट तथा मालवीय नगर, सांगानेर व बगरू विधानसभा सहित शहर के दक्षिणी पूर्वी हिस्से के सामान्य मरीजों के इलाज हेतु तथा क्षेत्र की जनता की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः पत्र लिखकर जयपुरिया अस्पताल को पूर्णतया कोविड फ्री करने की मांग की है.