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दीनदयाल जयंती पर होगा ओलंपिक पदक विजेताओं का सम्मान, आएंगे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़

जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती समारोह में इस बार पैरा ओलंपिक खेलों में राजस्थान के पदक विजेता खिलाड़ियों का सम्मान किया जाएगा. धानक्या स्थित स्वर्गीय उपाध्याय के राष्ट्रीय स्मारक पर 25 सितंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और बतौर विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल होंगे.

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आएंगे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़

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Published : Sep 21, 2021, 6:30 PM IST

जयपुर.पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति हर बार की तरह इस बार भी भव्य स्तर पर यह जयंती कार्यक्रम मनाएगी. मंगलवार को जयपुर स्थित विश्व संवाद केंद्र में कार्यक्रम से जुड़े पोस्टर का विमोचन किया गया.

ये विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वातरंजन और प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र और समिति अध्यक्ष मोहनलाल छीपा व सचिव प्रताप भानु शेखावत ने किया. इस दौरान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुसैन खान भी मौजूद रहे.

प्रो. मोहनलाल छिपा...

विमोचन कार्यक्रम के बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहनलाल छीपा ने बताया कि समारोह के तहत व्याख्यानमाला का कार्यक्रम भी आयोजित होगा, जिसका विषय आजादी का अमृत महोत्सव होगा. कार्यक्रम में राजस्थान से आने वाले पैरालंपिक खिलाड़ी अवनी लेखरा, कृष्णा नागर, देवेंद्र झाझरिया और सुंदर गुर्जर का भी सम्मान किया जाएगा.

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वहीं, जिन विद्यार्थियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर पिछले दिनों शोध ग्रंथ लिखे हैं, उनका भी कार्यक्रम में सम्मान होगा. कार्यक्रम में समारोह समिति आने वाले वर्ष भर में किए जाने वाले कार्यों को लेकर अपना संकल्प भी व्यक्त करेंगी.

पंडित दीनदयाल के सिद्धांत और अवधारणा बने पाठ्यक्रम का हिस्सा : छिपा

पत्रकार वार्ता में समिति अध्यक्ष प्रोफेसर मोहनलाल छीपा ने यह भी बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांत और उनके अवधारणा बच्चों के शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम में भी शामिल हो, इसके लिए भी समिति प्रयासरत है. छिपा ने बताया कि कुछ स्थानों पर पंडित दीनदयाल से जुड़े चिंतन को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. वहीं, देश भर में 16 शोध पीठ की स्थापना भी की गई है. उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल से जुड़ी कुछ अवधारणाओं को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.

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