जयपुर. उसकी शादी आज से करीब 9 साल पहले अपने से 8 साल बड़ी उम्र के युवक से कर दी गई थी. पढ़ने की ललक और बाल विवाह की कुरीति को देखते हुए नाबालिग ने न सिर्फ इस बाल विवाह का विरोध किया, बल्कि फैमिली कोर्ट में परिवाद पेश कर बाल विवाह को निरस्त भी कराया.
बात कर रहे हैं कि मालवीय नगर निवासी 20 वर्षीय मंजू कटारिया की. मंजू की ओर से फैमिली कोर्ट क्रम-3 में वर्ष 2017 में परिवाद पेश कर अपने बाल विवाह को निरस्त करने की गुहार की गई. परिवाद पेश करते समय मंजू की उम्र 16 साल की होने के कारण उसने अपनी मां के जरिए यह परिवाद पेश किया था.
परिवाद में कहा गया कि 11 साल दस माह की उम्र में 30 अप्रैल 2012 को उसका विवाह 20 साल के रवि नामक युवक से कर दिया गया था. हाल ही में उसने कक्षा दस पास की तो उसके ससुराल वाले गौना करवाने के लिए दबाव डालने लगे, जबकि वह आगे पढाई करना चाहती है और अपने विवाह को स्वेच्छा से स्वीकार नहीं करती.