जयपुर. राजस्थान में 6 जिलों के पंचायती राज चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं, लेकिन जयपुर जिला प्रमुख कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद भाजपा का बनने के बाद कांग्रेस पार्टी में आपस में ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. यह आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति फिर एक बार गहलोत और पायलट कैंप के बीच शुरू हुई है.
जहां पहले जयपुर जिला प्रमुख भाजपा का बनने पर पायलट कैंप के चाकसू विधायक वेद सोलंकी पर आरोप लगे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आने वाले दोनों जिला परिषद सदस्यों ने पार्टी के साथ दगाबाजी की है. वहीं, इस मामले में अशोक चांदना की एंट्री होना और चांदना का यह आरोप लगाना कि जिन लोगों को एक साल पहले मुख्यमंत्री ने 'भूलो और माफ करो' के तहत माफी दी थी, वही फिर पार्टी के 'जयचंद' बन गए हैं, ने विवाद को और तूल दे दिया है.
जहां पायलट कैंप के विधायकों ने अशोक चांदना से साल 2020 में जैसलमेर में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद जिला प्रमुख नहीं बनने के सवाल खड़े किए तो वहीं पायलट कैंप के ही विधायक रामनिवास गावड़िया ने यह कह दिया कि आरोप लगाने वाले पहले यह देखें कि जो मुख्य सचेतक महेश जोशी 5 मिनट पहले हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप राजेंद्र राठौड़ पर लगा रहे थे, वही महेश जोशी 5 मिनट बाद राजेंद्र राठौड़ की कार में उनके साथ सवार होकर क्यों गए. क्या पार्टी को इस बारे में नहीं सोचना चाहिए.