जयपुर.सरकार और डिस्कॉम की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश में बिजली की छीजत के आंकड़ों में बहुत ज्यादा कमी नहीं हो पा रही. जयपुर डिस्कॉम में औसतन बिजली छीजत करीब 18 फीसदी है. लेकिन, इनमें सर्वाधिक भरतपुर और धौलपुर में है, जहां छीजत का आंकड़ा 30 फीसदी से भी अधिक है. बिजली छीजत का बड़ा कारण बिजली की चोरी है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक बिजली चोरी के मामलों में 10,878 FIR दर्ज कराई गई, लेकिन आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं. देखें ये खास रिपोर्ट
10 हजार से अधिक FIR...
जयपुर डिस्कॉम में आने वाले 12 जिलों में 1 अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक 88,633 स्थानों पर विजिलेंस चेकिंग की गई, जिसमें 81,259 मामले चोरी और बिजली के मिस यूज के पाए गए. नियमानुसार कार्रवाई करते हुए इन मामलों में बीते 10 माह में कुल जुर्माने के रूप में 225 करोड़ 19 लाख 45000 रुपये का एसेसमेंट किया गया. अब तक वसूली 77 करोड़ 90 लाख 48 हजार रुपये की हो पाई है. इनमें से 10,878 मामलों में उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराई गई है.
ईमानदारउपभोक्ताओं पर भार...
जयपुर डिस्कॉम के एमडी नवीन अरोड़ा ने बताया कि जयपुर डिस्कॉम में आने वाले सभी जिलों में बिजली छीजत व चोरी के आंकड़े एक समान नहीं है. कहीं छीजत बेहद कम है, तो कुछ जिलों में ज्यादा. लेकिन, जहां बिजली चोरी ज्यादा है, उसका भी भार ईमानदारी से बिजली का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं पर ही पड़ रहा है. अरोड़ा के अनुसार, कोरोना काल के दौरान कुछ विजिलेंस की कार्रवाई धीमी गति से हुई, लेकिन अब इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
भरतपुर टॉप पर...
जयपुर डिस्कॉम में कुल 12 जिले आते हैं, जिनमें जयपुर, अलवर, दौसा, टोंक, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ शामिल है. इनमें यदि बिजली छीजत की बात की जाए तो भरतपुर जिला पहले नंबर पर और दौसा जिला दूसरे नंबर पर है. अमूमन यही स्थिति करौली जिले की भी है. भरतपुर और दौसा जिलों में वर्तमान में बिजली छीजत का आंकड़ा 30 फीसदी से ऊपर है, जो जयपुर डिस्कॉम के छीजत के औसत आंकड़े यानी 18 फीसदी से बहुत अधिक है. इनमें भरतपुर में 33.13 फीसदी और दौसा में 31.61 फीसदी बिजली की छीजत है. इन दोनों ही जिलों में बिजली चोरी की संभावना सर्वाधिक है. लेकिन, डिस्कॉम की ओर से हुई कार्रवाई के दौरान अलवर जिले में सबसे ज्यादा 15,270 विजिलेंस चेकिंग हुई. सबसे कम 202 जयपुर शहर डिस्कॉम सर्किल में हुई. वहीं, सर्वाधिक छीजत वाले जिला भरतपुर में मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसकी आधी भी विजिलेंस चेकिंग नहीं हुई. भरतपुर में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक 6,600 विजिलेंस चेकिंग हुई, जिनमें से 6,508 केस पकड़ने में आए. वहीं, दौसा में 7,725 विजिलेंस चेकिंग हुई, जिनमें से 7591 केस पकड़ में आए.