जयपुर/उड़ीसा. आज भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने जा रही है. 2500 साल के यात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है, जब भगवान मंदिर से बाहर और भक्त अपने घरों में ही रहेंगे. कोरोना प्रकोप के चलते लोगों से अपील की गई है कि वह इस दौरान घरों से बाहर न निकलें.
गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से पहले एक ऐसा अनुष्ठान भी किया जाता है, जिसमें डाहूक सेवादार गीत गाते हैं. सदियों पुराने इस अनुष्ठान के पूर्ण होने के बाद ही भगवान की रथ यात्रा शुरू होती है. डाहूक सेवादार यह गीत श्रद्धालुओं में उत्साह भरने के लिए गाते हैं.
यह प्रथा आज भी उतनी ही प्रचलित है. बता दें कि शुरुआती दिनों में इन गीतों गालियों का प्रयोग किया जाता था. हालांकि समय के साथ इसकी भाषाशैली में कई बदलाव किए गए हैं.
डाहूक सेवादारों को बाहूक भी कहा जाता है. वे रथ पर सवार होते हैं और यात्रा का मार्गदर्शन करते हैं.
पढ़ें :भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में डाहूक सेवादारों का है खास महत्व