जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत की अध्यक्षता में प्रशासनिक सुधार विभाग की कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक शुक्रवार को हुई, जिसमें जेडीए और नगर निगमों को सहकारी समितियों के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट के आदेश के संबंध में इस बैठक का आयोजन किया गया था.
राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में विचाराधीन डीबी सिविल संख्या 7688/2019 सूओ मोटो बनाम राज्य सरकार व अन्य में पारित 29 मार्च 2019 के आदेश के सम्बंध में यह बैठक हुई. प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से गठित कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में शुक्रवार को शासन सचिवालय में हुई.
पंत ने नगर निगमों और जेडीए में सभी उपायुक्त अपने क्षेत्र में आने वाली सहकारी समितियों में सार्वजनिक जगहों, पार्क, रास्तों एवं पब्लिक यूटीलिटीज आदि में चिन्हित अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई कर नियमित रिपोर्ट देने के निर्देश दिए. सभी उपायुक्तों से अतिक्रमण हटाने के बाद उनके क्षेत्र की प्रगति के बारें में प्रमाण पत्र लिया जाए. साथ ही जिन स्थानों से अतिक्रमण हटाया जा चुका है, वहां फिर से अवैध कब्जा नहीं हो, इसकी भी सघन मॉनिटरिंग की जाए.
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जेडीए के अधिकारियों ने बताया कि चिन्हित अतिक्रमणों के सम्बंध में नोटिस जारी कर मुनादी कराई जाती है, फिर समान मामलों में समान कार्रवाई की जा रही है. जेडीए की ओर से गत माह में 7 कॉलोनियों में 164 स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है.
नगर निगम ग्रेटर की ओर से बताया गया कि अतिक्रमण हटाने के लिए उपायुक्तों एवं विजिलेंस विंग की संयुक्त कार्रवाी की जा रही है. गत अप्रैल माह में नगर निगम ग्रेटर के क्षेत्र में 104 अस्थाई और 2 स्थाई तथा मई माह में कुल 105 अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. हैरिटेज निगम के स्तर पर अप्रेल माह में 32 अस्थाई और 2 स्थाई, मई में 6 एवं जून में 8 स्थानों से अतिक्रमण हटाए गए. सीएस ने प्रगति रिपोर्ट हर माह भेजने के निर्देश दिए हैं.
एसीएस ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों से सोसायटीज की ऑडिट तथा जयपुर पुलिस कमिश्नर से सोसायटीज के खिलाफ दर्ज मुकदमों के बकाया प्रकरणों के बारे में फीडबैक लिया और इस सम्बंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि सोसायटीज के विरुद्ध दर्ज मुकदमों में जांच की जा रही है. जेडीए एवं नगर निगम को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में सहयोग के लिए अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी उपलब्ध कराया जा रहा है.