जयपुर. जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने में कृषि विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ये बात कही. समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे. समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया.
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि नव स्नातकोत्तरों की यह विशाल टीम आगे चल कर अपने ज्ञान, अनुभव का कृषि समाज की सेवा करने में उपयोगी होगी. कैलाश चौधरी ने कहा कि 1988 में अपने स्थापना के समय से लगातार संस्थान ने कृषि विपणन शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. प्रशिक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया.
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फसलों के उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान का विशिष्ट स्थान
कैलाश चौधरी ने कहा कि देश में बाजरा, सरसों एवं जीरा सहित विभिन्न फसलों के उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान का अपना विशिष्ट स्थान है. प्रदेश में कृषि क्षेत्र में होने वाले सुधार का सारा श्रेय कृषि वैज्ञानिकों को जाता है. देश-प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालय एवं संस्थान किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्नतशील प्रजातियों की खोज कर अपनी प्रतिष्ठा का लोहा मनवा रहे हैं.
रासायनिक खेती से हटकर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिससे न केवल उत्पादन में आशा के अनुरूप सफलता मिल रही है. पर्यावरण की सुरक्षा भी हो रही है. छात्र-छात्राएं कृषि के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर देश की उन्नति में सहायक बने प्रदेश को निर्भर बनाने में यह मुख्य रूप से सहायक सिद्ध होंगे. कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि विपणन संस्थान की ओऱ से रोजगार परक शिक्षा देकर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.
कृषि के बदलते हुए परिवेश में पेशेवर दक्षता की आवश्यकता
संस्थान गुणवत्ता युक्त बीज तथा नवीन तकनीकें किसानों तक पहुंचा रहा है. कृषि के बदलते हुए परिवेश में योग्य एवं तकनीकी रूप से दक्ष, सुशील एवं प्रगतिशील युवा वर्ग एवं शिक्षित व्यक्ति किसानों के उत्थान एवं देश के कृषि क्षेत्र के विकास की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा कृषि स्नातकोत्तरों को इस क्षेत्र में सतत विकास के लिए पेशेवर दक्षता की आवश्यकता है.कार्यक्रम में केंद्र सरकार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल, राजस्थान के कृषि सचिव दिनेश कुमार, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति नीरज गुप्ता, बिट्स पिलानी के निदेशक डॉ. एस.के.बरई, संस्थान निदेशक रमेश मित्तल, उपनिदेशक डॉ. एस.आर.सिंह, मनोज अग्रवाल भी उपस्थित रहे.