जयपुर. राजधानी में लॉकडाउन के पहले दिन से लो फ्लोर बसों के पहिए भी थम हुए हैं. हालांकि अब लॉकडाउन 3.0 की अवधि पूरी होने के बाद सार्वजनिक परिवहन सेवा को सशर्त संचालित करने का विचार चल रहा है. इस बीच जेसीटीएसएल ने लो फ्लोर बसों के संचालन के लिए गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके अनुसार बसों में 50 फीसदी यात्री ही बैठाए जा सकेंगे.
वहीं बिना मास्क यात्रियों को बसों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. डिपो से निकास और प्रवेश के समय बस को पूरी तरह सेनेटाइज किया जाएगा. जेसीटीएसएल ने मुख्य प्रबंधक, ऑपरेटर, परिचालक और चालक स्तर पर अलग-अलग दिशा निर्देश जारी किए हैं.
गाइडलाइन के बिंदु...
मुख्य प्रबंधक एवं ऑपरेटर स्तर से-
- आगार में प्रवेश के समय प्रवेश द्वार पर थर्मल स्केनर से कर्मचारियों के तापमान की जांच की जाए
- आगार कार्यशाला से प्रस्थान करने वाली सभी बसों की मैटेलिक सतह को 70 प्रतिशत एल्कोहल आधारित सेनेटाइजर से साफ किया जाए, जबकि अन्य भागों को 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन और फिनोलिक एजेंट का छिड़काव किया जाए
- प्रत्येक परिचक्र के बाद बस को और प्रत्येक 2 से 3 घंटे के बाद बस स्टॉप को सेनेटाइज किया जाए
- सभी चालक और परिचालकों को सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप मास्क, ग्लव्ज, हैंड सेनेटाइजर और थर्मल स्केनर उपलब्ध कराएं
- मास्क और ग्लव्स के उपयोग के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें
- किसी कर्मचारी के कोरोना लक्षण पाए जाने पर मेडिकल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के बाद ही दोबारा ड्यूटी ज्वाइन कराएं
- सभी बसों में यात्रियों के लिए सीट और स्थान चिन्हित किए जाएं ताकि यात्री भ्रमित न हों
- बसों में उपलब्ध सीटों का 50 प्रतिशत ही यात्री बैठाए जाएं
- सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाए
- बस स्टॉप टर्मिनल पॉइंट और बसों के अंदर सोशल डिस्टेंस की पालना करने के लिए भीड़ न होने के संबंध में लगातार अनाउंसमेंट किया जाए
- बसों के मार्ग पर संचालन के संबंध में यात्रियों को सोशल मीडिया, पोस्टर आदि के माध्यम से सूचित किया जाए
- आगार कार्यशाला में बसों को पर्याप्त दूरी बनाकर खड़ी की जाए, बसों के आसपास कर्मचारियों को इकट्ठा न होने दें