जयपुर. अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर राजधानी जयपुर में इन दिनों क्रेज बढ़ रहा है. कोरोना काल होने के बावजूद जयपुर आरटीओ ने पिछले 6 महीने में औसतन हर रोज 1 से अधिक अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए हैं. बीते 6 महीने में करीब 247 लोगों ने अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को बढ़ावा देने के लिए भी परिवहन विभाग की ओर से कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं, जिससे आमजन या जो लोग बाहर पढ़ने के लिए जा रहे हैं वह ज्यादा संख्या में अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं. परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में जयपुर वासियों का अब क्रेज बढ़ रहा है. क्रेज बढ़ने का एक कारण लोगों का पढ़ाई के लिए विदेश में जाना भी माना जा रहा है, इसलिए पिछले 6 महीने में 247 अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए हैं.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में भी माना जाता है. इसको लेकर भी काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल पहचान पत्र के रूप में किया जा सकता है. इंटरनेशनल ड्राइविंग और रूट ट्रैफिक को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून भी है. 1949 की जिनेवा कन्वेंशन ऑन रोड एंड मोटर ट्रांसपोर्ट और 1968 कि वियना कन्वेंशन रोड ट्रैफिक में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस और इंटरनेशनल रोड ट्रैफिक को लेकर भी व्यवस्था की गई है.
बिना भारतीय लाइसेंस के नहीं बनता अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस