जयपुर.कोरोना काल में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए जिला प्रशासन ने शहर में 80 से अधिक होटलों का अधिग्रहण किया था. इनमें से आधा दर्जन होटलों का ही उपयोग जिला प्रशासन की ओर से किया गया था, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से इन होटलों का भुगतान नहीं किया गया है. अभी भी होटल संचालकों का 80 लाख से ज्यादा का भुगतान बकाया है, जिसके लिए वे जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं.
कुछ दिन पहले होटल एसोसिएशन की ओर से जिला कलेक्टर को बकाया भुगतान के लिए ज्ञापन भी दिया गया था. ज्ञापन में कहा गया था कि क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों, सरकारी कर्मचारियों को सुविधा और होटल में हुए नुकसान के बदले 82 लाख रुपये मांग रहे हैं. जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर भुगतान करने साफ इनकार कर दिया है, इसके बदले होटल एसोसिएशन को अजीब सा तर्क दिया गया कि कोरोना के दौरान लोगों ने समाज सेवा की है. ऐसे में उन्हें भी भुगतान छोड़ कर पुण्य कमाना चाहिए. जिला प्रशासन के इस रवैए से होटल एसोसिएशन में नाराजगी है.
पढ़ें-बाड़ेबंदी में बंद विधायकों के वेतन रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि होटल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर प्रशासन ने स्टाफ को भी काम पर रखने को कहा था. जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि जो भी खर्चा होगा, हम देंगे. होटल एसोसिएशन जयपुर के सचिव मुकेश अग्रवाल का कहना है कि कई होटल ऐसे हैं, जिनमें 15 दिन में 53 कमरे लगे. होटलों को काफी दिनों तक अधिग्रहण कर रखा गया था. जिला प्रशासन पुण्य कमाने की कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. मुकेश अग्रवाल ने कहा कि जोधपुर बीकानेर में भुगतान कर दिया गया है, लेकिन जयपुर जिला प्रशासन टालमटोल कर रहा है.