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लेपर्ड सफारी में चहेतों के बैटरी वाहन लगाने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने झालाना लेपर्ड सफारी में बैटरी संचालित वाहनों के संचालन में चहेतों को लाभ देने पर राज्य सरकार और उप वन संरक्षक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वहीं रामगढ़ बांध के संरक्षण से जुड़े मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक टाल दी है.

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर

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Published : May 20, 2019, 10:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झालाना लेपर्ड सफारी में बैटरी संचालित वाहनों के संचालन में चहेतों को लाभ देने पर राज्य सरकार और उप वन संरक्षक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश सुमित जुनेजा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

लेपर्ड सफारी में चहेतों के बैटरी वाहन लगाने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने बताया कि झालाना लेपर्ड सफारी में 4 बैटरी संचालित वाहनों के संचालन में अपने चहेतों को फायदा दिया गया है. इसके लिए 14 सितंबर 2018 को टेंडर जारी होने के बाद शर्तों को बार बार बदला गया. वन विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर अपने चालक और रिश्तेदारों के नाम गाड़ी संचालन के लिए टेंडर आवंटन करवा लिया. याचिका में वाहन निर्माता कंपनी के एक ईमेल को भी पेश किया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया कि कंपनी के अधिकारी ने वन विभाग के अनुसार ही चहेतों वाहन जारी किए. जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.

रामगढ़ बांध के संरक्षण से जुड़े मामले में भी हुई सुनवाई
राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से रामगढ़ बांध के संरक्षण से जुड़े मामले में सुनवाई में कहा गया कि बांध के कैचमेंट क्षेत्र में आने वाली बाणगंगा, मोधोवनी और गोमती नाले के किनारे से बालू हटाई जाएगी. इसके लिए केंद्रीय रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से राय ली जा सकती है. इसके साथ ही मानसून से पहले प्रत्येक गांव में सौ पौधे वितरित किए जाएंगे. जिनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी तय होगी. सरकार की ओर से पेश जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक टाल दी है. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि नोडल अधिकारी के तौर पर एसीएस रोहित कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर दिशा-निर्देश जारी किए है. वहीं राज्य सरकार की ओर से भरतपुर के जल स्रोतों के संबंध में राजस्व नक्शा पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर कोर्ट ने सुनवाई 30 जुलाई तक टाल दी है.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए थे. राज्य सरकार ने गत सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि वह सैद्धांतिक रूप से हर गांव में सौ पौधे लगाने के लिए सहमत हो गई है. इस पर कोर्ट ने पौधों के रखरखाव के लिए जिम्मेदारी तय करने को कहा था. सरकार की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया था, कि पौधों के रखरखाव के लिए पटवारी और ग्राम सेवक के सुपरविजन में वृक्ष मित्रों की नियुक्ति की जाएगी.

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