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मुख्यमंत्री के निर्देश पर परिपत्र जारी, भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों को संरक्षण देगी सरकार

प्रदेश की गहलोत सरकार भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों संरक्षण देगी, इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर परिपत्र जारी किया गया है. राज्य सरकार ने लोकसेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले परिवादियों को प्रताड़ना से बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

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Published : Dec 11, 2019, 6:31 AM IST

Gehlot Government News, जयपुर न्यूज
भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों को संरक्षण देगी सरकार

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों संरक्षण देगी, इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर परिपत्र जारी किया गया है. राज्य सरकार ने लोकसेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले परिवादियों को प्रताड़ना से बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों को संरक्षण देगी सरकार

इस संबंध में सभी विभागों को परिपत्र जारी कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले परिवादियों के कार्य द्वेषतापूर्वक नहीं रोकने एवं अन्य किसी भी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. इन निर्देशों की अवहेलना को सरकार गंभीरता से लेगी.

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विगत दिनों एसीबी मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाने वालों को सरकार पूरा संरक्षण देगी.

गृह विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि किसी लोकसेवक के खिलाफ शिकायत अथवा ट्रेप कराने वाले व्यक्ति के वैध कार्यों को कई बार उस विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक अटकाते हैं या उसे अन्य प्रकार से जान-बूझकर प्रताड़ित करने की भी शिकायतें प्राप्त होती हैं. विभागीय कार्मिकों की इस प्रवृत्ति के कारण आमजन में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के प्रति नकारात्मक सोच विकसित होती है. इससे भ्रष्टाचारियों को प्रोत्साहन मिलता है.

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राज्य सरकार ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभाग में यह सुनिश्चित करें कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले परिवादियों के वैध कार्य नियमानुसार अविलम्ब पूर्ण हों और उसे अनावश्यक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाए. अपने अधीनस्थ अधिकारियों से इस परिपत्र की पालना सुनिश्चित कराएं. साथ ही विभागाध्यक्ष समय-समय पर बैठक कर ऐसे परिवादियों से संबंधित कार्यों की भी समीक्षा करें.

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